ग्रह-नक्षत्रों के विशिष्ट खगोलीय संयोग से 144 वर्ष बाद पड़ रहे महाकुम्भ 2025 के दिव्य-भव्य आयोजन में सभी अखाड़े तिथि और परंपरा अनुसार महाकुम्भ मेला क्षेत्र में छावनी प्रवेश कर रहे हैं। इसी क्रम में भगवान सूर्य को अपना इष्टदेव मानने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने सोमवार को परंपरा …
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