रूस और उक्रेन में जंग जारी है। दोनों मुल्क अपने अपने देश से अन्य छोटे देशोंं को गेहूं, खाद्य तेल और जरूरत का दूसरा सामान निर्यात करते थे। अब छोटे देशोंं को रोज़मर्रा के सामान में मुर्गी अंडे तक की जरूरत है। लिहाजा श्रीलंका और मलेशिया भारतीय अंडे के तलबगार हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारतीय अंडे सस्ते हैं।
श्रीलंका साल 2022 के आखिर से भारत से अंडों की खरीदारी कर रहा है। हालांकि शुरुआत में उसने नमूने के तौर पर देश में 20 से 22 लाख अंडों की खरीदारी की थी। लेकिन सैम्पल पास होने और पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही श्रीलंका ने बड़ी मात्रा में अंडों की खरीद शुरू कर दी है। इसी युद्ध के चलते मलेशिया भी भारत का नया ग्राहक बना है। अभी तक ये लोग सिंगापुर से अंडे खरीद रहे थे। लेकिन वॉर का असर ये हुआ कि महंगाई के चलते इन्हें भारत के पोल्ट्री बाजार का रुख करना पड़ा।
मलेशिया और श्रीलंका तमिलनाडू के नमक्कल अंडा बाजार से खरीदारी कर रहे हैं। देश के तीन राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू देश में अंडे के कुल उत्पादन का 50 फीसद से ज्यादा अंडा उत्पादन करते हैं। विश्व के अंडा उत्पादन में हमारे देश का तीसरा स्थान है। साल 2021-22 में देश में 129.60 बिलियन अंडों का उत्पादन हुआ था।
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो श्रीलंका अभी तक भारत के पोल्ट्री बाजार से नौ करोड़, 20 लाख अंडों की खरीद कर चुका है। अभी उसकी खरीद जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि श्रीलंका का अंडों का आर्डर करीब 300 मिलियन का है। श्रीलंका सबसे ज्यादा नमक्कल
बाजार से अंडों की खरीदारी कर रहा है। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि यहां से श्रीलंका के कई शहर पास पड़ते हैं और ट्रांसपोर्ट का खर्च कम आता है।
पोल्ट्री बाजार के जानकारों की मानें तो मलेशिया भी दिसम्बर 2022 से लगातार हमसे अंडा खरीद रहा है। शायद इसी के चलते विदेशी बाजारों में अंडे की अच्छी गुणवत्ता है। गौरतलब है कि मलेशिया को दिसम्बर 2022 से अंडा एक्सपोर्ट शुरू हुआ है। दिसम्बर में पांच मिलियन, जनवरी में 10 मिलियन अंडा मलेशिया को एक्सपोर्ट किया गया था। इसके बाद से लगातार मलेशिया भारतीय पोल्ट्री बाजार से अंडों की खरीद कर रहा है।images credit – Pixabay