tag manger - भारत में बच्चों के बोने होने का कारण खेतों की मिट्टी ! – KhalihanNews
Breaking News

भारत में बच्चों के बोने होने का कारण खेतों की मिट्टी !

हाल ही में ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार भारत में बड़े पैमाने पर बच्चों की पोषण स्थिति या स्वास्थ्य परिणामों और मिट्टी में खनिज की उपलब्धता के बीच संबंध पर शोध किया गया।

भारत में पांच साल से कम उम्र के एक तिहाई से अधिक बच्चे बौनेपन से पीड़ित हैं। इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने राष्ट्रव्यापी मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ली गई 27 मिलियन से अधिक मिट्टी के परीक्षणों के साथ पूरे भारत में लगभग तीन लाख बच्चों तथा दस लाख महिलाओं के स्वास्थ्य विवरण का विश्लेषण किया है।

बच्चों के बौनेपन को रोकने के लिए खेत की मिट्टी में जिंक मिलाने से मदद मिल सकती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि अगर खेत की मिट्टी में जिंक मिलाया जाए तो भारत में बचपन में होने वाले बौनेपन को रोकने में मदद मिल सकती है। क्रोनिक अल्पपोषण के चलते बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है। शोधकर्ताओं की मानें तो क्रोनिक अल्पपोषण की वजह से बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, उनकी रोजाना की जिंदगी पर भी इसका असर पड़ता है।

क्रोनिक अल्पपोषण के चलते बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है। शोधकर्ताओं की मानें तो क्रोनिक अल्पपोषण की वजह से बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, उनकी रोजाना की जिंदगी पर भी इसका असर पड़ता है।बचपन में होने वाले बौनेपन को रोकने के लिए खेत की मिट्टी में जिंक मिलाने से मदद मिल सकती है
एक स्टडी में पाया गया है कि अगर खेत की मिट्टी में जिंक मिलाया जाए तो भारत में बचपन में होने वाले बौनेपन को रोकने में मदद मिल सकती है।

शोध में पता चला कि मिट्टी में जिंक की मौजूदगी बचपन में ही बौनेपन को रोकने में मदद करती है। वहीं, मिट्टी में मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन – लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन जो ऑक्सीजन ले जाता है, को स्वस्थ स्तर पर रखने में मदद करता है। शोध में पता चला है कि मिट्टी में खनिजों की मौजूदगी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

अध्ययन में पाया गया कि मिट्टी में जस्ते (जिंक) के नमूनों के बढ़े हुए अनुपात वाले जिलों में बच्चों में बौनापन और कम वजन की दर काफी कम पाई गई। मिट्टी जिंक की वृद्धि मानक के अनुरूप पाई गई। परीक्षणों में जिंक के अनुपात में 24.3 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो प्रति 1000 बच्चों में 10.8 की कमी और साथ ही बौनेपन में कमी के साथ जुड़ी हुई है। प्रति 1000 बच्चों में 11.7 में कम वजन देखा गया।

About

Check Also

httpskhalihannews.com

डेयरी क्षेत्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रभावी प्रयास कर रही सरकार

डेयरी सेक्टर महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रभावी जरिया है। सेक्टर में काम करने वाली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *