राज्य का सिंचाई और जल संसाधन विभाग किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटा है| बहुत जल्द वो पूर्वांचल और बुंदेलंखड के 07 जनपदों में 239 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण कराने जा रहा है| इन नलकूपों से पानी की कमी के समय नहरों में पानी की आपूर्ति की जाती है|
विभाग अगले 06 महीनों में 61 जनपदों में 1101 राजकीय नलकूपों को रीबोर कराने की तैयारी भी कर रहा है| जिससे बड़ी संख्या में किसानों को अधिक से अधिकारी लाभ देकर उनकी खेती को बढ़ावा दिया जाए| गौरतलब है कि प्रदेश में सिंचाई हेतु उपयोग में आने वाले जल का 70 प्रतिषत भू-जल है| सिंचाई हेतु भू-जल पर कृषकों की निर्भरता अत्यधिक है एवं इसमें राजकीय नलकूपों का बड़ा योगदान है| आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 34307 चलित नलकूप हैं और इनकी सिंचन क्षमता 29.07 लाख हेक्टेयर है|
योजना के तहत सबसे पहले गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन मण्डलों में 135 राजकीय नलकूपों और कानपुर, झांसी, बांदा मण्डलों में 104 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण कराया जाएगा| जिससे 2395 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और लगभग 2480 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे| इस कार्ययोजना में गाजीपुर के अमौरा पम्प नहर एवं रायबरेली की खण्डीय कार्यशाला को भी आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा|
प्रदेश सरकार ने किसानों के हित की योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए सिंचाई के लिए उचित संसाधन मुहैया कराने पर भी जोर दिया है| दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी के प्रयासों से किसानों के खेत तक सिंचाई सुविधाओं को पहुंचाने की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की जा रही है| सिंचाई और जल संसाधन विभाग को 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार करने को दी गई है|