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कीटों के हमलों से परेशान किसान, 10 लाख हेक्टेयर घटा कपास का रकबा
कीटों के हमलों से परेशान किसान, 10 लाख हेक्टेयर घटा कपास का रकबा

धान व जूट की बुवाई कम; मोटे अनाज, कपास और गन्ने का रकबा बढ़ा

इस साल किसानों में परंपरागत खेती के लिए तो उत्साह है सरकारी आंकलन में मोटे अनाज और गन्ने का रकबा बढ़ा है। किसानों में धान, झूट और तिलहन के लिए प्रति लगाव कम दर्ज किया गया है।

बीते साल के मुकाबले पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई दर्ज की गई है. अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो नागालैंड (0.85 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (0.67 लाख हेक्टेयर), असम (0.53 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.32 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.22 लाख हेक्टेयर), केरल (0.21 लाख हेक्टेयर), मिजोरम (0.17 लाख हेक्टेयर), त्रिपुरा (0.16 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.16 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.15 लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.06 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.01 लाख हेक्टेयर) और हरियाणा (0.01 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है।

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.17 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 0.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बुआई दर्ज की गई है। अगर अलग-अलग राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.31 लाख हेक्टेयर), नागालैंड (0.20 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.18 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.06 लाख हेक्टेयर) और उत्तराखंड (0.04 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है।

मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.75 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 1.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की बुआई दर्ज की गई है। हालिया उत्तर प्रदेश में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।

राज्यों में रकबे की बात करें तो कर्नाटक (0.75 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (0.16 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.08 लाख हेक्टेयर), जम्मू-कश्मीर (0.05 लाख हेक्टेयर), असम (0.02 लाख हेक्टेयर) और त्रिपुरा (0.02 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है।

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 47.13 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 47.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश (21.43 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (10.53 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (4.38 लाख हेक्टेयर), बिहार (2.24 लाख हेक्टेयर), गुजरात (1.92 लाख हेक्टेयर), तमिलनाडु (1.59 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (1.15 लाख हेक्टेयर), उत्तराखंड (0.90 लाख हेक्टेयर), हरियाणा (0.82 लाख हेक्टेयर) लाख हेक्टेयर), पंजाब (0.81 लाख हेक्टेयर), आंध्र प्रदेश (0.37 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.31 लाख हेक्टेयर), तेलंगाना (0.23 लाख हेक्टेयर), असम (0.21 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.20 लाख हेक्टेयर) और पश्चिम बंगाल ( 0.15 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है।

कपास (नरमा) की बुराई का रकबा इस साल जरूर बढा़ है। जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 13.10 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 14.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई है। राज्यों में रकबे की बात करें तो हरियाणा (6.00 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.19 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.75 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.61 लाख हेक्टेयर), कर्नाटक (0.54 लाख हेक्टेयर) और तमिलनाडु (0.06 लाख हेक्टेयर) रकबे में हुई है।

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