तेलंगाना के गठन से पहले के 10 वर्षों में, कृषि क्षेत्र में 7,994 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी| इसके विपरीत, राज्य गठन के बाद से अभी तक तेलंगाना सरकार द्वारा कृषि सेक्टर के ऊपर 1,91,612 करोड़ खर्च किया गया है, जो लगभग 24 गुना अधिक है| वहीं, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार के लिए कृषि और किसान सर्वोपरि हैं| यही वजह है कि उनकी सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में भी मोटी रकम आवंटित की|
राज्य सरकार किसानों को आयल पॉम की खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दे रही है. इससे किसानों को उच्च आय प्राप्त होती है. राज्य सरकार ने ताड़ की खेती के लिए अलग से 1,000 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया है|
वित्त मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में तेलंगाना की महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रमाण है| कृषि क्षेत्र के विकास के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप खेती का क्षेत्र वर्ष 2014-15 में 131.33 लाख एकड़ से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 215.37 लाख एकड़ हो गया है| वहीं, धान का उत्पादन वर्ष 2014-15 में 68.17 लाख मीट्रिक टन से तीन गुना बढ़कर वर्ष 2021-22 में 2.02 करोड़ मीट्रिक टन हो गया|
दो घंटे के भाषण में, राव ने बताया कि कैसे तेलंगाना ने खुद को देश के लिए एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित किया है और पिछले साढ़े आठ वर्षों में एक स्वर्ण युग की शुरुआत की है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा प्रतिबंध और भेदभाव के बावजूद राज्य ने अपनी विकास और कल्याणकारी योजनाओं से कोई समझौता नहीं किया है।
“कल्याण और विकास दोनों में, तेलंगाना पूरे देश के लिए एक आदर्श है। हम सही तरीके से दावा कर सकते हैं कि तेलंगाना में जो कुछ भी लागू किया जा रहा है उसका पूरा देश पालन कर रहा है। मानवतावादी दृष्टिकोण, रचनात्मक सोच, भविष्यवादी योजना और पारदर्शी प्रशासन को जोड़ने वाले ‘तेलंगाना मॉडल’ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है।