कवुनी Co-57 मीडियम दाने वाल काले चावल की किस्म है, जिसकी उपज भी सामान्य से दोगुनी होगी| टीएनएयू की कुलपति वी गीतालक्ष्मी ने कहा है कि इसे साल भर उगाया जा सकता है. कावुनी एक हेक्टेयर में 4600 किलोग्राम उपज देगा| साथ ही यह परंपरागत किस्म की तुलना में 100% अधिक रोगरोधी है, जिसका किसान वर्तमान में उपयोग कर रहे हैं|इसके अलावा, इसकी फसल की अवधि 130-135 दिनों की होती है और यह किसानों के लिए अधिक व्यवहार्य संस्करण है|
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (TNAU) ने 23 अलग- अलग फसल की किस्मों को जारी किया है|इसमें 16 कृषि फसलें, 3 बागवानी फसलें और 4 वृक्ष किस्में शामिल हैं| इसके अलावा, TNAU ने 10 कृषि तकनीकों और 6 कृषि मशीनरी की शुरुआत की है|
टीएनएयू की वाइस चांसलर वी गीतालक्ष्मी ने बताया कि नई किस्मों में कवुनी सीओ 57 धान की 4 उन्नत किस्में, दाल की 3 किस्में, तिलहन की 2 किस्में और गन्ना की एक किस्म शामिल हैं| इसके अलावा, बाजरा की 4 नई किस्में हाइब्रिड COH10, सोरघम K13, पनिवारागु ATL2, और कुदिराइवली ATL1 जारी की गई हैं|
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (TNAU) ने 23 अलग- अलग फसल की किस्मों को जारी किया है|इसमें 16 कृषि फसलें, 3 बागवानी फसलें और 4 वृक्ष किस्में शामिल हैं. इसके अलावा, TNAU ने 10 कृषि तकनीकों और 6 कृषि मशीनरी की शुरुआत की है| टीएनएयू की वाइस चांसलर वी गीतालक्ष्मी ने बताया कि नई किस्मों में कवुनी सीओ 57 धान की 4 उन्नत किस्में, दाल की 3 किस्में, तिलहन की 2 किस्में और गन्ना की एक किस्म शामिल हैं|
इसके अलावा, बाजरा की 4 नई किस्में हाइब्रिड COH10, सोरघम K13, पनिवारागु ATL2, और कुदिराइवली ATL1 जारी की गई है|