जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण विस्थापित हुए लोग अभी उसी हालत में हैं | अब पांच और कस्बों में वैसी ही दरारें दिखने लगी हैं| लोग उस चारधाम राजमार्ग को जिम्मेदार मान रहे हैं जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी|
दो अरब डॉलर की रेल परियोजना और डेढ़ अरब डॉलर की सड़क परियोजना के साथ लगते कम से कम पांच और गांवों और कस्बों में इमारतों में दरारें पड़ चुकी हैं| ये सारे चारधाम परियोजना के मार्ग पर स्थित हैं और कम से कम दो जगहों पर अधिकारियों ने परियोजना के काम को ही इसके लिए जिम्मेदार माना है|
मरोडा में जिला अधिकारी ने नागरिकों के नाम लिखे एक पत्र में कहा है कि रेल मंत्रालय की निर्माण कंपनी आरवीएनएल उन ग्रामीणों को अन्य जगहों पर जमीन खरीदने के लिए धन देगी जो इस परियोजना प्रभावित हो रहे हैं |
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ लगते तीन गांवों कै घरों में दरारें आ चुकी हैं| इन निवासियों ने दावा किया कि ये दरारें तभी पड़नी शुरू हुई थीं जब उनके गांवों के पास गुफाएं बनाने के लिए विस्फोट होने शुरू हुए|
मरोडा जैसे गांव तो दशकों से वैसे के वैसे हैं और वहां कोई नया निर्माण तक नहीं हुआ है| निवासी कहते हैं कि उनके यहां तो 2021 में रेलवे इंजीनियर आए और तब कोई निर्माण शुरू हुआ| नजदीकी बुटेला गांव में आठ परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं और बाकी डर में जी रहे हैं|