लाल केले में पोटेशियम, आयरन और विटामिन ज्यादा पाई जाती है। इसका छिलका लाल और फल हल्का पीला होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर है। रोजाना एक लाल केला खाने से शरीर के लिए आवश्यक फाइबर की आपूर्ति हो जाती है। जबकि इसके खाने से डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो जाता है।
आमतौर पर बाजार में मिलने वाले पीले केले के मुकाबले लाल केला थोड़ा नरम और मीठा होता है। इस प्रजाति का उत्पादन पूर्वी अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात में बहुतायात में किया जाता है। भारत में केरल और महाराष्ट्र में इनका उत्पादन अधिक है। अब जिले में इसकी खेती शुरु की जा रही है। जनार्दनलाल केले की खेती को लेकर किसान भी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
लाल केला कई बीमारियों में रामबाण भी है। इसमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है। जो कि किडनी में स्टोन को बनने से रोकता है। इसमें जहां शुगर की मात्रा कम पाई जाती है वहीं हरे और पीले केले के मुकाबले इसमें बीटा कैरोटीन अधिक पाया जाता है। यह धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है जिसके कारण कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मददगार साबित होता है।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल केले में पोटेशियम, आयरन और विटामिन ज्यादा पाई जाती है। इसका छिलका लाल और फल हल्का पीला होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर है। रोजाना एक लाल केला खाने से शरीर के लिए आवश्यक फाइबर की आपूर्ति हो जाती है। जबकि इसके खाने से डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो जाता है।
उत्तर भारत के बिहार के चाईबासा व उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर व बाराबंकी जिलों के प्रगतिशील किसानों ने लाल केला के उत्पादन में रुचि दिखाते हुए इस प्रजाति की पौधे लगाये हैं|