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किसानों की ‘एक्स्ट्रा इनकम’ पर गर्मी की मार

पहले गर्मी के चलते गेहूं की अच्छी खासी पैदावार पर असर हुआ| अब गर्म हवाओं (हीटवेव) ने गर्मियों में उगाई जाने वाली जायद की फसलों को भी झुलसा दिया है| वहीं इस सीजन में होने वाली सब्जियों पर भी गर्मी का असर पड़ रहा है| हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि इस गर्मी से आगे खरीफ की फसलों के ऊपर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा| आगे बेहतर मॉनसून का अनुमान है, जो चावल की खेती के लिए अच्छा है|

ज्यादा गर्मी के चलते इस साल जायद की फसलों को नुकसान हो रहा है| जायद फसलों की बुआई मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होती है और मई-जून तक इन फसलों की कटाई हो जाती है| इनमें दलहन, तिलहन और पोषण अनाज की बुआई की जाती है| जायद की फसलों को किसानों की अतिरिक्त आमदनी का जरिया माना जाता है, क्योंकि इसे रबी और खरीफ के बीच वाले सीजन में लगाया जाता है| वहीं इस दौरान गर्मियों में होने वाली सब्जियों की खेती भी होती है| लेकिन गर्म हवाओं ने किसानों को मायूस किया है|

जायद फसलों के लिए मौजूदा तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है जिससे जायद फसलों को काफी नुकसान पहुंच सकता है| कृषि वैज्ञानिको का कहना है कि इस दौरान बोई जाने वाली ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की फसल पर सबसे नकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि तापमान ज्यादा होने से इन फसलों के परागण पर असर पड़ेगा और इन दालों की फलियां नहीं बन पाएंगी| इसके अलावा सब्जियों के ऊपर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है| जायद फसलों के लिए अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक सही रहता है|

जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में चल रही लू (हीटवेव) की वजह से खरीफ फसलों के ऊपर ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा| बल्कि उनका कहना है कि अगर इस समय तापमान ज्यादा रहता है तो आने वाले समय में अच्छी बारिश की संभावना बनती है जो कि खरीफ फसलों के लिए वरदान साबित होगी| दरअसल, मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून रहने का अनुमान जताया है|

इस साल समय से पहले गर्मी बढ़ने के चलते गेहूं के फसल पर बहुत असर हुआ| मार्च महीने में ही गर्मी बढ़ने से फसल समय से पहले पकने लगी| इस साल मार्च में गेहूं की बाली बनने के दौरान बढ़ी | गर्मी ने उपज को बुरी तरह प्रभावित किया| यूपी, हरियाणा और पंजाब में इसका ज्यादा असर देखने को मिला है|

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