चुने गये सभी 109 गांवों को दुग्ध व्यवसाय के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी| समितियों को दुग्ध मूल्य का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा | माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेहतरी आएगी|
इन सभी गांवों को दुग्ध व्यवसाय के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी| इन समितियों को दुग्ध मूल्य का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा|
इसमें वाराणसी, बरेली के 15-15 गांव हैं| इसी तरह मिर्जापुर, प्रयागराज, चित्रकूट, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, आयोध्या, गोंडा, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ के 10-10 गांव शामिल किए गए हैं| वहीं, कानपुर, मथुरा, बुलंदशहर, आगरा के 5-5 गांवों को आदर्श ग्राम में शामिल किया गया है|
सभी दुग्ध समितियों के सदस्यों, सचिवों एवं टेस्टर को तकनीकी जानकारियां भी दी जाएंगी| समिति के दुधारू पशुओं के लिए पशु आहार, मिनरल मिक्सर एवं पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होगी| इसके अलावा दुधारू पशुओं का टीकाकरण, टिक कंट्रोल, डिवर्मिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी|
इस योजना के तहत नाबार्ड डेयरी फार्म खोलने को इच्छुक किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी देता है| वहीं, एसटी / एससी किसानों को इसी काम के लिए 33.33 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है|