छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग 110 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन का लक्ष्य रखा है| राज्य में एमएसपी पर धान की खरीद के लिए करीब 2497 उपार्जन केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सामान्य धान को 2040 रुपये और ग्रेड-ए धान को 2060 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी दर से खरीदा जा रहा है| किसानों से धान खरीदने के लिए सभी समितियों में बारदाने की व्यवस्था भी कर ली गई है| वहीं राज्य में धान का अवैध परिवहन रोकने के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं| किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है| साथ ही मंडियों की लगातार मॉनिटरिंग भी चल रही है|
महज दो दिन के अंदर ही प्रदेश के विभिन्न जिलो में किसानों से समर्थन मूल्य पर 14 हजार 158 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है| वहीं, किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 281.06 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है| खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को धान बेचने वाले किसानों को 5724 टोकन जारी किए गए थे| इसके अलावा टोकन तुंहर हाथ ऐप द्वारा 356 टोकन जारी किए गए थे| साथ ही गुरुवार के लिए 6504 तथा टोकन हाथ के जरिये 505 टोकन जारी किए गए हैं| जबकि, किसानों को धान विक्रय में कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं|
साल 2022-23 में एक लाख 29 हजार नए किसानों के एक लाख 9 हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है| तकरीबन 25 लाख लोगों ने इस बार धान खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है| सरकार के मुताबिक ये रजिस्ट्रेशन 29.42 लाख हेक्टेयर रकबे के लिए किया गया है| हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा भी की थी| इस दौरान अधिकारियों को किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा गया था|
किसानों को धान सूखाकर लाने का निर्देश दिया गया है| प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी 17 प्रतिशत से कम होनी चाहिए| इसको लेकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है| बता दें कि इस देशभर में कई राज्यों में धान खरीदी की प्रकिया चल रही है| पंजाब में यह प्रकिया अंतिम चरण में है|