जिन पांच सूबों में विधानसभा चुनाव तय हैं, उनमें पहली अक्टूबर को मतदान होना है। हालांकि सूबे के कुछ दलों ने पहली अक्टूबर को एक ही दिन मतदान कराने की तारीख बदलने की मांग की है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने पहली अक्टूबर से खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद करने का ऐलान किया है।
हरियाणा सरकार चुनाव की वजह से सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद करने की पहले ही घोषणा कर चुकी है। मिली जानकारी अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत केंद्रीय और राज्य पूल के लिए 60 लाख मीट्रिक टन धान और 3.83 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की जाएगी। खास बात यह है कि खरीफ फसलों की खरीद के लिए प्रदेश की मंडियों में बोरों एवं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मंडी में आने वाले किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा का राज्य में आगामी खरीफ खरीद सीजन की तैयारियों पर पूरी नजर है। उन्होंने इसको लेकर एक समीक्षा बैठक भी की है। बैठक में सभी खरीद एजेंसियों के प्रमुख, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, कृषि और किसान कल्याण विभाग, भारतीय खाद्य निगम (पंचकूला) और राज्य के चावल मिल मालिकों के प्रमुख शामिल हुए।
मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा, खरीफ फसलों के लिए प्रदेश की मंडियों में बोरों एवं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भारत सरकार ने सामान्य किस्म के धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए किस्म के धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है। बाजरे के लिए 2024-25 खरीफ खरीद सीजन के लिए एमएसपी 2625 रुपये प्रति क्विंटल है। सीजन के दौरान धान के लिए 241, बाजरे के लिए 91, मक्का के लिए 19, मूंग के लिए 38, मूंगफली के लिए सात, तिल के लिए 27, अरहर के लिए 22 और उड़द के लिए 10 मंडियों में खरीद केंद्र खोले गए हैं।
आगामी खरीद सीजन में किसानों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। खास बात यह है कि किसानों की ओर से ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करवाने के बाद ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से ही खरीद एवं भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी।