केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में स्वीकारा कि पशुओं को गुणवत्तापूर्ण चारा नहीं मिलने से उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है| साथ ही इस वजह से दुग्ध उत्पादन पर भी असर पड़ता है| उन्होंने कहा कि भारत भर में विभिन्न शोध अध्ययन किए गए हैं, जो इंगित करते हैं कि गुणवत्ता वाले चारे की अनुपलब्धता देश में मवेशियों के स्वास्थ्य के साथ-साथ दूध उत्पादन को भी प्रभावित करती है|
यह जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि पशुपालन राज्य का विषय है| विभिन्न राज्यों ने पशुधन के लिए रियायती दर पर चारा उपलब्ध कराने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं शुरू की हैं| साथ ही उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय इस दिशा में राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग कर रहा है|
उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्य सरकारें ऐसी योजनाएं लागू कर रही हैं, जिनमें सस्ती दर पर खाद्यान्न के बजाय पशु आहार की आपूर्ति शामिल है|
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड भी सामान्य अनुदान के तहत पशु कल्याण संगठनों को सीमित पैमाने में चारा उपलब्ध कराने के लिए सहायता प्रदान कर रहा है| वहीं उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय पशु मालिकों के सहयोग के लिए दो योजनाएं संचालित कर रहा है| जिसके तहत पशु मालिक मंत्रालय की तरफ से चलाई जा रही ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन’ और ‘पशुपालन अवसंरचना विकास निधि’ योजना के तहत पशु चारा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मदद ले सकते हैं|
देश में भैंसों की कुल संख्या 109.85 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 1.0 प्रतिशत अधिक है। गायों और भैंसों में कुल दुधारू पशुओं की संख्या 125.34 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 6.0 प्रतिशत अधिक है।
देश में भेड़ की कुल संख्या वर्ष 2019 में 74.26 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 14.1 प्रतिशत ज्यादा है। देश में बकरी की कुल संख्या वर्ष 2019 में 148.88 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 10.1 प्रतिशत अधिक है।
वर्तमान गणना में देश में
सुअर की कुल संख्या 9.06 मिलियन आंकी गई है जो पिछली गणना की तुलना में 12.03 प्रतिशत कम है।
मिथुन, याक, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट सहित अन्य पशुधन आपस में मिलकर कुल पशुधन में लगभग 0.23 प्रतिशत का योगदान करते हैं और उनकी कुल संख्या 1.24 मिलियन है।
देश में कुल पोल्ट्री संख्या वर्ष 2019 में 851.81 मिलियन आंकी गई है जो 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
देश में घरों के आंगन में पोल्ट्री की कुल संख्या 317.07 मिलियन आंकी गई है जो पिछली गणना की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत ज्यादा है। देश में वाणिज्यिक पोल्ट्री की कुल संख्या 534.74 मिलियन है जो पिछली गणना की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक है।