पंजाब सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान मृत 789 किसानों के परिवारों को 39.55 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मुहैया करने का काम मुकम्मल कर लिया है। किसानों के परिवारों को राज्य सरकार की तरफ से वित्तीय मदद के तौर पर पांच लाख रुपये प्रति परिवार दिए गए हैं।
सूबे के मानसा जिले के 89 परिवारों को कुल 4.60 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई, जबकि तरनतारन के 21 परिवारों को 1.05 करोड़ रुपये, संगरूर के 117 परिवारों को 5.85 करोड़ रुपये, मोगा के 69 परिवारों को 3.45 करोड़ रुपये, फाजिल्का के 10 परिवारों को 50 लाख रुपये, लुधियाना के 48 परिवारों को 2.37 करोड़ रुपये, बरनाला के 43 परिवारों को 2.15 करोड़ रुपये, पटियाला के 111 परिवारों को 5.55 करोड़ रुपये, अमृतसर के 19 परिवारों को 95 लाख रुपये, शहीद भगत सिंह नगर के सात परिवारों को 35 लाख रुपये, मोहाली के 10 परिवारों को 50 लाख रुपये और बठिंडा के 83 परिवारों को कुल 4.15 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई।
इसी तरह राज्य सरकार ने श्री मुक्तसर साहिब के 35 परिवारों को कुल 1.73 करोड़ रुपये, गुरदासपुर के 20 परिवारों को एक करोड़ रुपये, फतेहगढ़ साहिब के 24 परिवारों को 1.20 करोड़ रुपये, जालंधर के 12 परिवारों को 60 लाख रुपये, फिरोजपुर के 15 परिवारों को 75 लाख रुपये, होशियारपुर के 10 परिवारों 50 लाख रुपये, कपूरथला के एक परिवार को पांच लाख रुपये, मालेरकोटला के चार परिवारों को 20 लाख रुपये, फरीदकोट के 30 परिवारों को 1.50 करोड़ रुपये और रूपनगर के 11 परिवारों को 55 लाख रुपये की वित्तीय मदद मुहैया करवाई गई है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसानों और उनके परिवारों के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार का फर्ज बनता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य के अनाज उत्पादकों के साथ किये हर वादे को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पंजाब के किसानों को मौजूदा खेती संकट में से निकालने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मूंगी को वैकल्पिक फसल के तौर पर पेश किया है, जिसकी न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को भी वित्तीय सहायता दी है।