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बिहार : सूखे से मचा हाहाकार, नहरों भी सूखीं, पंप कैनाल बंद, धान की रोपनी भी ठप

बिहार में सूखे से हाहाकार मचा हुआ है| नहरों में पानी भी नहीं आ रहा है| जुलाई माह में भी बरसात नहीं होने से धान की रोपनी को लेकर इन नहरों पर आश्रित रहने वाले किसान परेशान हैं| बारिश की बेरुखी से खेतों में दरार आ गयी हैं|

उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा को बांटने वाली कर्मनाशा नदी का जलस्तर क्षेत्र में घटने लगा है| क्षेत्र में किसानों के खेतों की सिंचाई को लेकर कर्मनाशा नदी में लगाया गया लरमा व ककरैत घाट पंप कैनाल हाल फिलहाल बंद हो गया है| इससे इन दोनों कैनालों से जुड़ी नहरें सूख चली हैं| दूसरी तरफ जुलाई माह में भी बरसात नहीं होने से धान की रोपनी को लेकर इन नहरों पर आश्रित रहने वाले किसान परेशान हैं| बारिश की बेरुखी से खेतों में दरारें आ गयी हैं| इन दोनों नहरों में शामिल लरमा पंप कैनाल का पानी दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के उत्तरी-पूर्वी भाग के खजुरा, खडसरा, जेवरी, कल्याणपुर,चेहरिया पंचायत के विभिन्न गांवों को सिंचित करता है|

ककरैत घाट पंप कैनाल दुर्गावती के मसौढ़ा, कविलासपुर व डुमरी पंचायत के विभिन्न गांवों को सिंचित करते हुए रामगढ़ प्रखंड की ओर पानी जाता है| इन नहरों में पानी नहीं होने के कारण सैकड़ों गांवों के हजारों एकड़ में धान की रोपनी का कार्य प्रभावित हो रहा है| किसानों की माने तो भरपूर बारिश नहीं होने के कारण सावन के महीने में रिमझिम फुहारों की जगह उड़ रही धूल से सुखाड़ की स्थिति बन रही है|

जिन किसानों के पास निजी पंप मशीन है| वैसे किसान ही कुछ नाम मात्र की रोपनी कर पाये है| सबसे ज्यादा परेशानी प्रकृति के भरोसे तथा नहरों पर आश्रित रहने वाले किसानों की ही है| बारिश के अभाव में लगभग एक सौ फुट जमीन के अंदर तक बोरिंग करके लगाये गये हैंड पंपों का पानी का लेयर भी भागने लगा है| ऐसे में जिन घरों तक नल जल का पानी नहीं पहुंच पा रहा है, वैसे लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है| क्षेत्र के लोगों की माने तो कहते हैं कि धरती के अंदर लगभग एक सौ फुट बोरिंग वाले हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है|

पटना में एक समीक्षा बैठक के दौरान कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन ने बताया कि राज्य में अब तक 15 से 20 प्रतिशत रोपनी हुई है। कम बारिश के कारण संभावित उत्पन्न परिस्थिति से निपटने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा है। इस मौके पर आपदा प्रबंधन सह जल संसान विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वर्ष 2022 में एक जून से आठ जुलाई तक बारिश की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में आठ जिलों- अररिया, बेगूसराय, बक्सर, किशनगंज, मोपुरा, मधुबनी, पूर्णिया एवं सुपौल को छोड़कर शेष 30 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। उन्होंने वर्ष 2017 से 2021 तक के बारिश की वर्षवार की स्थिति भी बतायी। उन्होंने बताया कि नहरों में जल की आपूर्ति की जा रही है।

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