केंद्रीय जल आयोग की जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की अपेक्षा देश के 140 में से 60 बड़े बांधों का पानी घटा है। सबसे अधिक 10 राज्य प्रभावित हुए हैं। इनके बड़े बांधों से पानी का भंडार लगातार कम हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार ज्यादा चिंताजनक स्थिति पश्चिमी क्षेत्र की है, जहां गुजरात और महाराष्ट्र में पिछले साल की अपेक्षा तीन प्रतिशत जल स्तर घट गया। उत्तरी क्षेत्र में शामिल राजस्थान में भी पानी के दोहन और भीषण गर्मी के कारण बड़े बांधों का जल स्तर कम हुआ है।
देश के पश्चिम क्षेत्र के बड़े बांधों में 3% व पूर्वी क्षेत्र में 2% जल स्तर घटा है। पश्चिम क्षेत्र में गुजरात व महाराष्ट्र शामिल हैं, जिनमें कुल 46 बड़े बांध हैं। देश के एक तिहाई बड़े बांध इन दोनों राज्यों में हैं। महाराष्ट्र के 12 व गुजरात के 10 बड़े बांधों में जल स्तर घटा है।
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड व बिहार हैं। इनके 21 में से 10 बांधों में पानी कम हुआ है।
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया एवं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के जलाशयों की रिपोर्ट के अनुसार गंगा क्षेत्र में बसे बंगाल, यूपी, बिहार, उत्तराखंड और झारखंड में करीब 38% जलाशय सूख गए। इनमें उत्तराखंड में 84%, यूपी में 41%, बिहार में 35%, बंगाल में 17% व झारखंड में 16% जलाशय शामिल हैं।
राजस्थान के 14 जिलों में 22 सबसे बड़े बांध हैं, जिनमें पानी भराव की क्षमता 4.24 मिलियन क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा है| इसमें राजधानी जयपुर के 3 बांध तो कई साल से सूखे पड़े हैं, जिसमें रामगढ़, छापरवाड़ा और कालख सागर है| वहीं टोंक जिले का टोरडी सागर और भीलवाड़ा का मेजा बांध भी खाली पड़े हैं| इसके अलावा 9 ऐसे बांध हैं, जो 30 फीसदी या उससे भी कम भरे हुए हैं। इनमें प्रतापगढ़ का जाखम बांध, राजसमंद का राजसमंद झील, पाली का जवाई और सरदार समंद, बूंदी का गुढा, धौलपुर का पार्वती बांध, दौसा का मोरेल, टोंक का गलवा और बीसलपुर भी शामिल हैं|