वर्षा जल का उचित उपयोग हो सके इसके लिए राजस्थान सरकार की ओर से डिग्गी, खेत-तालाब एवं जल हौज आदि के निर्माण पर सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जा रहा है। किसान वर्षा जल को ट्यूबवैल, कुएं या जल हौज में एकत्रित करके अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी समय वर्षा जल का उपयोग सिंचाई के काम में कर सकते हैं। जल हौज निर्माण के लिए राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। राज्य के किसान योजना के तहत आवेदन करके जल हौज निर्माण पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार राज्य के चयनित जिलों के किसानों को जल हौज के निर्माण पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है। यह सब्सिडी किसानों को न्यूनतम 1.0 लाख लीटर भराव क्षमता के जल हौज निर्माण पर लागत का 60 प्रतिशत जिसमें 10 प्रतिशत टॉप अप सहित अथवा अधिकतम राशि 90 हजार रुपए जो भी कम हो का अनुदान दिया जाता है।
जल हौज योजना का संचालन राज्य के 18 जिलों में किया जा रहा है। यह जिले इस प्रकार है। इनमें जयपुर, अजमेर, दौसा, सीकर, झुंझुंनू, भीलवाडा, बीकानेर, चुरू, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, जालौर, पाली, सिरोही, जैसलमेर, बूंदी, राजसमंद व हनुमानगढ़ है। यहां के किसान जल हौज निर्माण के लिए सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं।
जल हौज अनुदान के लिए आवेदन करते समय किसान को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
किसान को जमाबंदी की नकल देनी होगी, जो 6 माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
एससी/एसटी के किसानों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
किसानों को अनुदान हेतु जन आधार कार्ड संख्या देना आवश्यक होगा।
बता दें कि आवेदन के बाद जल हौज के निर्माण से पहले व बाद में विभाग द्वारा मौका/ सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए आपको अपने असली सभी कागजों को अपने पास रखना होगा।
जल हौज निर्माण पर सब्सिडी हेतु किसान कहां करें आवेदन
जल हौज निर्माण पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान यह आवेदन स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा किसान राज किसान साथी पोर्टल से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरते समय आवश्यक दस्तावेज आधार कॉर्ड, जमबंदी की नकल छह माह से अधिक पुरानी नहीं हो, लगाना होगा। आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी किया जाना अनिवार्य है|
योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा जिनके पास न्यूनतम आधा हैक्टेयर कृषि भूमि हैं। उन्हें जल हौज निर्माण के लिए अनुदान दिया जाएगा।
जलहौज निर्माण पर फव्वारा / ड्रीप सिंचाई की स्थापना के बाद ही अनुदान देय होगा, जिन किसानों के नाम पर भूमि का स्वामित्व है तथा कृषक के पास स्वयं का कुआं अथवा नलकूप है, उस पर विद्युत/डीजल चलित पंप सेट है उन कृषकों को ही हौज निर्माण हेतु अनुदान देय होगा।
किसानोंं को केवल एक बार ही जल हौज निर्माण पर अनुदान देय होगा।
राज्य के चयनित जिलों के किसानों को ही योजना का लाभ दिया जाएगा।