सूबे में भू -जल स्तर लगातार कम हो रहा है| इसी वजह से चावल की जगह मोटे अनाज बोने के लिए सरकार बीज से लेकर मशीनो तक पर अनुदान दे रही है|
भू-जल की अंधाधुंध निकासी को रोकने के लिए सरकार ने अब पानी सप्लाई वाले टैंकर और नलकूप खोदने वाली मशीनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है| टैंकर और मशीनों पर जीपीएस सिस्टम भी लगाना होगा|
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की ताजा रिपोर्ट केअनुसार कुरुक्षेत्र जिले के 99 प्रतिशत गांव रेड जोन में आते है। रेड जोन को उस क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है। जहां भूजल 30 मीटर से नीचे है|
प्रदेश में भूजल स्तर के जबरदस्त दोहन के कारण इस समय प्रदेश के 13 जिलों के 64 ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए गए हैं। इन जिलों में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद शामिल हैं।
भिवानी के बाढड़ा, बहल, कैरू, लोहारू, तोशाम, फतेहाबाद का टोहाना, कैथल का गुहला, राजौंद, कुरुक्षेत्र के लाडवा, पिहोवा, शाहाबाद, पानीपत के बापौली, समालखा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, करनाल, असंध, महेंद्रगढ़ में नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, रेवाड़ी में खोल, सिरसा में ऐलनाबाद, गुरुग्राम व फरूखनगर, पटौदी, सोहना, यमुनानगर में जगाधरी, मुस्तफाबाद, रादौर, साढौ़रा, पलवल में हसनपुर, हथीन, होडल समेत 64 ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए गए हैं।