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हरियाणा : देसी कपास उगाने वाले किसानो को मिलेगी मदद

देशी कपास लगाने वाले क‍िसानों को हर‍ियाणा सरकार प्रत‍ि एकड़ 3 हजार रुपये की व‍ित्‍तीय मदद देगी| इस मदद को प्राप्‍त करने के ल‍िए राज्‍य के ऐसे क‍िसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा’ पोर्टल http://agriharyana.gov.in/ पर रज‍िस्‍ट्रेशन कराना होगा| रज‍िस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 25 जनवरी से शुरू होगी और क‍िसान 31 मई तक रज‍िस्‍ट्रेशन करा सकेंगे| जानकारी के मुताब‍िक क‍िसानों की तरफ से अनुदान के ल‍िए रजि‍स्‍ट्रेशन कराए जाने के बाद उसका भौति‍क सत्‍यापन होगा| ज‍िसके बाद क‍िसानों को अनुदान राश‍ि जारी की जाएगी|

हर‍ियाणा में मुख्‍यत: कपास के 3 तरह के बीज किसानों की तरफ से प्रयोग क‍िए जा रहे हैं| ज‍िसमें नरमा, बीटी कॉटन तथा देशी कपास शाम‍िल है| कपास के सभी बीजों का ब‍िजाई 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है|

कपास के सभी बीजों का ब‍िजाई 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है| जो पूरे महीने रहती है| वहीं देशी कपास की क‍िस्‍मों की बात करें तो मौजूदा समय में प्रमुख रूप से एचडी-107, 123, 324 व 432 को देशी कपास की क‍िस्‍मों के तौर पर पहचाना जाता है|

कपास हरियाणा में प्रमुख नकदी फसल है| ज‍िसे हर‍ियाणा के क‍िसान थोड़ी नमकीन व कमजोर भूमि में भी सफलतापूर्वक उगा रहे हैं| धान की तुलना में इसमें लागत कम लगती है, जबक‍ि बाजार में इसका भाव धान से अध‍िक होता है|

ऐसे में क‍िसान कपास की तरफ अध‍िक आकर्ष‍ित हुए हैं, लेक‍िन बीते कई वर्षों से उत्‍तर भारत में होने वाली कपास की फसलों पर गुलाबी सुंडी लग जा रही है| ज‍ि‍ससे कपास की फसल खराब हो जा रही है| ज‍िसको देखते हुए बीते कुछ समय से व‍िशेषज्ञ गुलाबी सुंडी मैनेजमेंट के लिए सही टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रहे हैं| वहीं इस बीच हर‍ियाणा सरकार ने देशी कपास के उत्‍पादन को बढ़ाने पर जोर द‍िया है|

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