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हरियाणा व उत्तराखण्ड के लिए ख़ास पूसा बासमती चावल की नई किस्म PB 1886

पूसा ने बासमती चावल की एक नई क‍िस्‍म व‍िकस‍ित की है| पूसा के अनुसार PB 1886 के नाम से व‍िकस‍ित बासमती चावल की यह क‍िस्‍म लोकप्र‍िय बासमती पूसा 6 की तरह ही व‍िकस‍ित की गई है, जो कुछ राज्‍यों के क‍िसानों के ल‍िए फायदे का सौदा साब‍ित हो सकती हैं|

बासमती धान की फसल क‍िसानों के ल‍िए फायदे का सौदा तो रहती है, लेक‍िन फसल में रोग लगने से क‍िसान भाईयों को अक्‍सर नुकसान भी उठाना पड़ता है| ज‍िसमें झौंका और अंगमारी रोग क‍िसानों को सबसे अध‍िक नुकसान पहुंचाती है| झोंका रोग में धान की पत्‍त‍ियों पर छोटे नीले धब्‍बे पड़ते हैं, जो बाद में नाव की आकार के हो जाते हैं| ज‍िससे पूरी फसल प्रभाव‍ित होती है|

वहीं अंगमारी रोग पत्‍ते की नोक से होते हुए नीचे की ओर जाता है, ज‍िसमें पत्ते ऊपर से मुड़ जाते हैं| साथ ही पौधे की पत्ती सुख कर पतली हो जाती है| ऐसे में पुसा ने बासमती चावल की नई क‍िस्‍म PB 1886 को इस तरह से व‍िकस‍ित क‍िया है क‍ि यह दोनों रोगों से प्रत‍िरोधी है| पूसा ने सलाह दी है क‍ि इस क‍िस्‍म का उत्‍पादन करने वाले क‍िसान इन दोनों रोग से बचाव के ल‍िए क‍िसी भी तरह की दवा का छ‍िड़काव नहीं करें|

पूसा आनुवंशिकी विभाग की तरफ से वैज्ञानिक डॉ गोपाल कृष्णन ने बासमती PB 1886 की क‍िस्‍म व‍िकस‍ित की है| पूसा ने हर‍ियाणा और उत्‍तराखंड के क‍िसानों के ल‍िए इस क‍िस्‍म की स‍िफार‍िश की है| पूसा की तरफ से म‍िली जानकारी के अनुसार इस क‍िस्‍म की उपज 4.49 T/ha है. वहीं इस 21 द‍िन नर्सरी में रखने के बाद खेत में रोपा जा सकता है|

पूसा ने अध‍िक जानकारी देते हुए बताया क‍ि क‍िसान भाई जून के पहले पखवाड़े यानी 1 से 15 जून के बीच बासमती चावल की इस क‍िस्‍म को खेत में रोप सकते हैं| जो अक्‍तूबर 20 से नवंबर 15 के बीच पक के तैयार हो जाएगी| पूसा के मुताबि‍क बासमती चावल की इस नई क‍िस्‍म को कटाई 143 द‍िन के बाद ही अक्‍तूबर तीसरे सप्‍ताह के बाद ही करनी है|

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