लाल मिर्च पैदा करने वाले किसानों कै दर्द का अहसास केन्द्र में मोदी -सरकार को हुआ है। सरकार ने ऐसे किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने का ऐलान किया है। दरअसल आंध्रप्रदेश में लाल मिर्च की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है और ऐसे में राज्य के सीएम ने भी चिंता जताते हुए किसानों की पीड़ा केन्द्र सरकार तक पहुंचाई थी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में केंद्र से अनुरोध किया था कि लाल मिर्च किसानों को एमआईएस के तहत मदद मिले, खासकर कीमतों में गिरावट के कारण। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की और इस संकट से निपटने के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की।
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी घोषणा की है कि केंद्र आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने ये भी बताया कि इस विषय में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। चौहान के अनुसार, केंद्र सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत राज्य के किसानों को मदद दे सकती है। बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) विशेष रूप से खराब होने वाली कृषि वस्तुओं, जैसे टमाटर, प्याज, आलू, और अब लाल मिर्च के लिए है। यह योजना उन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लागू होती है जहां बाजार में वस्तु की कीमतों में कम से कम 10% की गिरावट होती है।
एमआईएस के अंतर्गत, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे की कीमतों पर अपनी फसल बेचने से बचाने के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है। केंद्र सरकार की योजना के तहत, राज्य सरकारों को उन फसलों के उत्पादन का 25% तक कवरेज और अधिकतम मूल्य अंतर का 25% तक भुगतान किया जा सकता है।
श्री चौहान ने कहा कि केंद्र लाल मिर्च के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठा रहा है, ताकि किसानों को लाभ मिल सके।