पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली के निवासी परेशान होते हैं। अभी तक पंजाब की यह समस्या है। दो साल से किसानों को पंजाब सरकार ने पराली के प्रबधन की दिशा में काम किया और समस्या का कारगार हल निकाला। सूबे के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि पिछले साल पराली प्रबंधन के लिए 350 करोड़ जारी किए गए थे। इस बार केंद्र और राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब तभी खुशहाल होगा, जब उसके किसान समृद्ध होंगे. यह मेला किसानों के लिए पूजा का स्थान है। उन्होंने किसानों से पराली न जलाने और प्रदूषण मुक्त वातावरण, मानवता के कल्याण के लिए धान की पराली प्रबंधन तकनीक अपनाने के लिए कहा।
इस संबंध में पंजाब के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने बताया कि 6,000 पराली प्रबंधन मशीनें पहले ही किसानों तक पहुंचाई जा चुकी है। उन्होंने किसानों से धान की पराली के निपटान के लिए इन-सीटू मशीनों का उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने किसानों से भूजल स्तर में गिरावट को लेकर जागरूक रहते हुए का खेती करने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों से पानी बचाने के लिए कम पानी की खपत वाली धान की फसलों को अपनाने के लिए कहा।
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में किसान मेले और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना में पशुपालन मेले का उद्घाटन किया। मंत्री ने कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने किसानों को राज्य सरकार के पूर्ण समर्थन की बात कह ।
लुधियाना के इस पशु मेले में गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशुपालन मेले में विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को जागरूूक करने और फायदा पहुंचाने के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए गए. मेला मैदान में दो दिवसीय कार्यक्रम में किसानों, वैज्ञानिकों, डेयरी-चारा-मत्स्य अधिकारियों, विभिन्न पशु चिकित्सा फार्मास्यूटिकल्स और कृषि व्यवसाय फर्मों को पशुधन क्षेत्र में आने वाली नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में अपना अनुभव और जानकारी दिखाने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ प्रकाश सिंह बराड़ ने बताया कि शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसानों ने बकरी, सुअर और मछली पालन करने में रुचि दिखाई और विशेष रूप से उनके प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में पूछताछ की। मेले में लोगों ने मत्स्य पालन व्यवसाय, सजावटी मछली, झींगा पालन और खारे पानी की मछलियों के बारे में जानकारी ली।