इस संबध में सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें गन्ना किसानों व इथेनॉल को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। देखा जाए तो सरकार का यह अहम फैसला आगामी फसल के लिए भंडारण स्थान बनाने के प्रयास में भी तेजी लाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश में गन्ना किसानों की आय, चीनी मिल व्यापारी और शुगर स्टॉक में अत्यधिक फायदा देखने को मिल सकता है।
मिली जानकारी अनुसार केंद्र सरकार का इथेनॉल पर नया नियम पहली नवंबर, 2024 से देशभर में लागू कर दिया जाएगा। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बीते कल यानी की 29 अगस्त, 2024 को नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बताया गया कि गन्ने से इथेनॉल बनाने पर पाबंदी को अब से पूरी तरह से हटा दिया गया है। सरकार के ऐसा करने से चीनी मिलों समेत शुगर सिरप से इथेनॉल बनाने पर छूट भी मिलेगी।
माना गया है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के लगभग 15 करोड़ किसानों को लाभ प्राप्त हो सकता है। गन्ने से इथेनॉल बनाने पर लगाई गई पाबंदी हटाने के बाद से चीनी मिलों में ज्यादा से ज्यादा गन्नों की आवश्यकता होगी, जिसका असर सीधे किसानों पर देखने को मिल सकता है। कहने का मतलब है कि देश के गन्ना किसानों को अब पहले से कहीं अधिक गन्ना उत्पादन करना होगा, जिन्हें गन्ना मिलों के द्वारा उचित रेट पर भी खरीदा जाएगा. ऐसा करने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और गन्ने की पैदावार में भी वृद्धि होगी।
जानकारी के मुताबिक, चीनी मिल और डिस्टिलरी को तेल विपणन कंपनियों के साथ किए गए समझौते के अनुसार इथेनॉल सप्लाई ईयर 2024-25 के दौरान गन्ने के जूस, शुगर सिरप, बी-हैवी मोलासेज और सी-हैवी मोलासेज से इथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति दी गई है। ये ही नहीं बल्कि सरकार ने डिस्टिलरीज को इथेनॉल के उत्पादन के लिए एफसीआई से लगभग 23 लाख टन तक चावल खरीदने की भी मंजूरी दे दी है।