तमिलनाडु विधानसभा में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कृषि संबंधी योजनाओं वाला विशेष कृषि बजट पेश किया। इस बजट में आत्मनिर्भरता हासिल करने और गांवों में कृषि विकास के ध्येय को समाहित किया गया है।
राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एम आर के पनीरसेल्वम ने कहा कि किसानों और विशेषज्ञों के विचार मांगे गए और उनके विचारों के आधार पर बजट तैयार किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि बजट किसानों की आकांक्षा है। यह प्रकृति प्रेमियों का स्वप्न है।’’ तमिलनाडु में पहली बार कृषि के लिए अलग बजट पेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के दौरान कृषि तथा पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी विकास, सिंचाई, ग्रामीण विकास, रेशम उत्पादन एवं वन जैसे संबंधित विभागों के लिए 34,220.65 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारी बिजली इकाई तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन को फार्म पंप सेटों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए 4,508.23 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कावेरी डेल्टा क्षेत्र में किसानों और खेत मजदूरों के बीच समृद्धि लाने के लिए और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने को, ‘‘इस क्षेत्र को कृषि औद्योगिक गलियारा घोषित करने का प्रस्ताव है।’’
पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने कावेरी डेल्टा क्षेत्र को संरक्षित कृषि क्षेत्र घोषित किया था।मंत्री ने कहा कि तंजावुर जैसे क्षेत्रों में साल भर चावल, दालों, केले, नारियल का उत्पादन होता है।
उन्होंने कहा कि यदि चावल और तेल मिलों, नारियल रेश इकाइयों और दलहन प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाता है, तो यह डेल्टा क्षेत्र के किसानों और कृषि श्रमिकों के कल्याण में बहुत योगदान देगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 33.03 करोड़ रुपये की लागत से ‘‘जैविक कृषि विकास योजना’’ लागू की जाएगी।