भारत दुनिया में सबसे सस्ता सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश है जबकि सबसे मंहगी सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश कनाडा है। भारत ने 2023 में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े सौर ऊर्जा जनरेटर के खिताब का दावा करने वाले जापान को पीछे छोड़ दिया। भारत ने 2015 के मुकाबले नौ पायदान की छलांग लगाई है। बीते दिनों ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024 प्रकाशित किया गया था जिसमें अलग-अलग देशों के डेटा के आधार पर 2023 में वैश्विक बिजली परिदृश्य की एक व्यापक समीक्षा पेश की गई।इस समीक्षा में 215 देशों के ऐतिहासिक डेटा के साथ-साथ 80 देश शामिल किए गए हैं जो 92 प्रतिशत वैश्विक बिजली मांग को पूरा करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, “2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया। इसके साथ ही भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया।”
। भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वर्ष 2023 दुनिया ने एक मील का पत्थर साबित हुआ। वैश्विक बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा का योगदान कुल योगदान का 5.5 प्रतिशत रहा। अकेले भारत ने कुल ऊर्जा उत्पादन का 5.8 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से उत्पन्न की।
मिली जानकारी के अनुसार चीन (+156 TWh), संयुक्त राज्य अमेरिका (+33 TWh), ब्राज़ील (+22 TWh) के बाद भारत ने 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वृद्धि हासिल की है। भारत ने अपनी क्षमता में 18 टेरावाट घंटे (TWh) जोड़े। इन शीर्ष चार देशों ने सामूहिक रूप से वैश्विक सौर विकास का 75 प्रतिशत हिस्सा उत्पादित किया।
रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन 2015 की तुलना में छह गुना अधिक हो गया जबकि भारत में इसी अवधि के दौरान 17 गुना वृद्धि हुई। सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 2015 में 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 5.8 प्रतिशत हो गई।
बिजली को कार्बन मुक्त करने की दिशा में मार्ग भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं।