आंध्र प्रदेश के काकीनाडा इलाके में एक अनोखी स्वयंवर देखा या गया। यह स्वयंवर गायों के कल्याण के लिए आयोजित किया गया। इसके लिए भव्य आयोजन किया गया। इस स्वयंवर में किसानों ने विभिन्न जातियों के 12 नंदीश्वरों के साथ हिस्सा लिया। आमतौर पर किसानों को गाय और नंदी की शादी कराते हुए देखा जाता है। लेकिन काकीनाडा में गौरी शेखर और रामादेवी दंपति ने गोमाता के लिए भव्य स्वंयवर का आयोजन किया।
इस मौके पर पीठापुरा के प्रसिद्ध विद्वान और अध्यात्मवादी उमर अलीशा, एपीएसपी सहायक कमांडेंट वीरभद्रैया मौजूद रहें। गौ विवाह को लोगों काफी भक्ती भाव से देखा। बता दें कि काकीनाडा के डॉ. गौरी शेखर को गायों से एक अलग लगाव है। वे पुंगनूर नस्ल की गाय खरीदकर पाल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दो साल पहले विधि विधान से बरसला रस्म (नामकरण) कर इस गाय का नाम सरना रखा गया था। जिसके बाद अब उसकी शादी आयोजित करने का निर्णय लिया गया। जिसके लिए विभिन्न स्थानों से नंदीश्वरों को निमंत्रण भेजा गया। जिसके बाद 12 नंदीश्वर ने स्वयंवरम में हिस्सा लिया।
नंदीश्वर स्वयंवरम में एक पंक्ति में खड़े थे। जिसके बाद गोमाता सरना ने शनमुख कन्नैया से विवाह किया। जो इलेश्वर के पाकलपति नारायण राजा सीता देवी के जोड़े में से एक थे। जिसके बाद वैदिक विद्वानों ने भव्य तरीके से शनमुखा और सरना का विवाह समारोह संपन्न कराया।
गौरीशंकर-दंपति ने बताया कि जब से गोमाता सरना हमारे घर आई हैं। हमारे लिए सब कुछ अच्छा चल रहा है। हमारी दोनों लड़कियां विदेश में डॉक्टर बनकर बस गई हैं। उन्होंने शादी भी कर ली।इस बात की जानकारी देते हुए डॉ. गौरी शेखर ने बताया कि “इसलिए हमने सरना को अपनी तीसरी बेटी माना और उसे अपनी सबसे बड़ी बेटी के रूप में पाला। दो साल पहले, बारासला समारोह आयोजित करने के बाद उसका नाम सरना रखा गया। अब हमने स्वयंवरम का आयोजन किया है और उसकी शादी की है।”