उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में भी ज़मीन के अंदर पानी लगातार कम होता जा रहा है। नलकूप ठप हैं । पानी और नीचे चले जाने से हर साल किसानों को पानी खींचने को लगायी मोटर को कुएं में और नीचे रखवाना पड़ता है। यह खर्च किसानों की खेती की लागत को और बढ़ा रहा है।
योगी-सरकार सूबे में ग्राउंडवॉटर चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण से भूजल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सूबे के 13 जिलों में 8 करोड़ रुपए की कुल अनुमानित लागत लगाकर ग्राउंडवॉटर चार्जिंग चेकडैमों का निर्माण किया जाएगा।
प्रदेश सरकार की इस कार्य योजना को लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता की देखरेख में ग्राउंडवॉटर चार्जिंग चेकडैम का निर्माण किया जाएगा। इनके निर्माण समेत इनकी देखरेख और अन्य सभी संबंधित तथ्यों की विवेचना मुख्य अभियंता द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। वहीं योजना के लिए दी गई राशि को लेकर मुख्य अभियंता द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि स्वीकृत किए जा रहे निर्माण कार्य के लिए पहले से राज्य सरकार द्वारा जारी फंड का दोहराव न हो।
सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए अनापत्ति संबंधित प्रमाण पत्र, निर्माण कार्य के लिए जरूरी मशीनरी व अन्य साजो-सामान की खरीद समेत अन्य सभी आवश्यक कार्रवाइयों को उत्तर प्रदेश बजट मैनुअल तथा फाइनेंशियल हैंडबुक के नियमों के अंतर्गत ही किया जाएगा। लघु सिंचाई विभाग द्वारा ही अवमुक्त धनराशि को सभी 13 जिलों में कार्ययोजना के आधार पर वितरित कर निर्माण कार्य में लाया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आठ जिलों में भू-जल स्तर के गहरे होने पर इनको डार्क ज़ोन घोषित किया गया है। ये ज़िले सोनभद्र, चन्दौली, मऊ, गाज़ीपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, वाराणसी और जौनपुर है। इन जिलों में नये नलकूप और पंपिंग सेट के लिए बोरवेल कराने पर रोक लगाई गई है।
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