हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों और सरकार में सूरजमुखी की न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के मुद्दे व अन्य मांगों पर बातचीत विफल होने के बाद उन्होंने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 पर पिपली के पास जाम लगा हुआ है। किसान पुल और सर्विस रोड बंद कर धरने पर बैठे हैं। पुलिस ने जाम के चलते वाहनों को दूसरे रास्तों से घुमाकर भेजा जा रहा है।
किसानों और सरकार में बातचीत विफल होने के बाद हजारों किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 पर पिपली के पास जाम लगा दिया है। किसान फ्लाईओवर और सर्विस रोड बंद कर लाठियां लेकर हाईवे पर बैठ गए हैं। हाईवे के ऊपर ट्रैक्टर खड़े कर रास्ता बंद कर दिया हैं।
किसान संगठन एकजुट होकर सूरजमुखी की समर्थन मूल्य पर खरीद बंद करके सरकार की भरपाई योजना के विरोध कर रहे को लेकर ‘MSP दिलाओ-किसान बचाओ रैली’ हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। किसान हरियाणा की मनोहर लाल सरकार से सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी व दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पिपली में आज संपन्न में बड़ी तादाद में कई राज्यों से किसान महापंचायत में पहुंचे । किसानों के बीच जाने माने पहलवान बजरंंग पूनिया भी पहुंचे।
रैली में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा-”किसानों ने MSP पर आवाज उठाई और उन्हें लाठियां मिली। सवाल सिर्फ एक फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का नहीं है। सरकार रेट घोषित करती हैं लेकिन उस पर खरीद नहीं करती। MSP गारंटी कानून होना चाहिए। आने वाले समय में इस कानून के लिए आंदोलन होंगे। देश में कलम-कैमरे पर बंदूक का पहरा है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने दो टूक कहा-चढ़ूनी की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने MSP मांगी। हरियाणा सरकार गिरफ्तार किसानों को जल्द रिहा करे। कोई भी सरकार किसानों के आंदोलन को लाठियों से नहीं दबा सकती है। एक किसान पर लाठी पड़ेगी तो पूरे देश का किसान इकट्ठा होगा।
आन्दोलन कर रहे किसानों के समर्थन में पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा-”पहले किसान उत्तर प्रदेश में घटना के जिम्मेदार अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ लड़ रहे थे। हम बृजभूषण के खिलाफ लड़ रहे हैं। किसी पर कोई एक्शन नहीं हुआ। किसानों काे सड़क पर खड़े देखकर दुःख होता है। हम भी ऐसे ही परिवारों से हैं। हम जितने भी खिलाड़ी हैं, हम आपके साथ हैं।’
कुरुक्षेत्र में किसान आंदोलन
इस साल हरियाणा सरकार ने ऐलान किया था कि वह सूरजमुखी को भावांतर योजना के तहत खरीद करेगी। जिसमें बाज़ार की दर पर खरीद में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करती है। मगर, किसान घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार से वार्ता हुई, लेकिन वह विफल रही। इसके बाद 6 जून को किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
इस बीच पुलिस हाईकोर्ट के ऑर्डर लाई और 15 मिनट में रास्ता खोलने को कहा। किसान नहीं माने तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। पुलिस ने किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी समेत अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया था। जिला प्रशासन ने इस दौरान किसानों की तरफ से भी पथराव करने का आरोप लगाया। बाद पुलिस देर शाम हाईवे खुलवाने में कामयाब हुई।
नेताओं को हिरासत में लेने के बाद किसान भड़क गए। बीती सात जून को पूरे हरियाणा में सड़कें जाम करने का ऐलान कर दिया गया। ऐलान के मुताबिक गुस्साए किसानों ने रोड जाम कर दिए और टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया।
इसी दिन किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 9 किसान नेताओं को पुलिस ने कुरुक्षेत्र जिला कोर्ट में पेश किया। अदालत में सभी गिरफ्तार किसानों ने जमानत लेने से मना कर दिया था। इसके बाद सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इसके बाद कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसान नेताओं की रिहाई और एमएसपी को लेकर एक पंचायत हुई। पंचायत में किसान संगठनों के मुखियाओं ने 12 जून को पिपली में महापंचायत का फैसला लिया था। आज की पंचायत का आयोजन का कारण भी यही रहा।