लगातार मौसम बदलने और किसानों को होने वाले नुकसान के मद्देनजर अब उत्तर प्रदेश में जोखिम शुरू होने से एक दिन पहले तक फ़सल बीमा हो सकेगा। यह बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में फसल बीमा को लेकर दो अहम फैसलों काे मंजूरी दी गई। बैठक में यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में लागू रखने को मंजूरी दी गई है।
श्री शाही ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार योगी मंत्री परिषद ने इस साल खरीफ सीजन से लेकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में रबी सीजन तक फसल बीमा की इन दोनों योजनाओं को प्रदेश में लागू करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया है।
राज्य में बागवानी और गैर बागवानी फसलों के लिए दो प्रकार की फसल बीमा योजनाएं लागू हैं। गेहूं और धान सहित रबी एवं खरीफ सीजन की 18 फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कराया जा सकता है। इसके अलावा सात बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए ‘पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना’ लागू है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू है. इसके तहत कुल 18 फसलों काे बीमा- लाभ के दायरे में लिया गया है। इनमें खरीफ सीजन की 10 फसलें धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल, सोयाबीन एवं अरहर शामिल हैं। इसके अलावा रबी सीजन की 8 फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, अलसी, लाही या सरसों तथा आलू को फसल बीमा के दायरे में रखा गया है।