व्योमेश चन्द्र जुगरान देश के कोने-कोने से चारधाम यात्रा को आए श्रद्धानत जत्थों के सांझा चूल्हे अब यात्रा मार्गों पर नहीं दिखते। दिखता है तो एक उत्शृंखल सैर-सपाटा, सड़कों पर सैकड़ों वाहनों की दौड़, मंहगी कारों में जल्द पहुंचने की होड़ और कायदों को ठेंगा दिखाता व्यवसायीकरण। लगता है, उत्तराखंड …
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