बहुउपयोगी बांस की खेती को सूबे में ३२ जिलों को चुना गया है। इन जिलों में बांस को रोजगार से जोड़ा गया है। बुन्देलखण्ड और विंध्याचल क्षेत्र में बांस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बांस की खेती को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना के रूप में गिना जा रहा है।
योजना के अंतर्गत राजकीय भूमि और निजी कृषक भूमि में बांस पौधशाला की स्थापना, सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी), बैम्बू बाजार, बांस उपचार संयंत्र की स्थापना कराया जाना एवं वृक्षारोपण तथा अन्य सहकार्य (कृषको , कारीगरों एवं उद्यमियों का प्रशिक्षण) आदि को बढ़ावा दिये जाने का कार्य किया जा रहा है। निजी कृषकों, निजी संस्थाओं द्वारा कराये जाने वाले कार्यों हेतु निर्धारित मानकों के सापेक्ष 50 प्रतिशत प्रोत्साहन भी धनराशि दी जा रही है। खेती से लेकर मार्केटिंग तक के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन एक बहुद्देश्यीय योजना है। यह योजना उत्तर प्रदेश में बांस विकास को बढ़ावा दिये जाने, नई किस्मों को विकसित करने, अनुसंधान को प्रोत्साहन करने, हाईटेक नर्सरी स्थापित किये जाने, पौधों में कीट एवं बीमारी प्रबंधन, बांस हस्तकला को बढ़ावा दिये जाने, बांस उत्पादकों की आय में वृद्धि किये जाने, बांस उत्पादों के लिए विपणन नेटवर्क विकसित करने तथा कारीगरों हेतु कच्चा माल उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रारम्भ की गयी है।
वर्तमान में राष्ट्रीय बांस मिशन योजना बुंदेलखण्ड और विंध्याचल क्षेत्र सहित 32 जिलों (38 वन प्रभाग) तथा बिजनौर सामाजिक वानिकी, नजीबाबाद (बिजनौर), सहारनपुर सामाजिक वानिकी, शिवालिक (सहारनपुर), मुजफ्फरनगर, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, पीलीभीत सामाजिक वानिकी, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, उत्तर खीरी, दक्षिण खीरी, बहराईच, बाराबंकी, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर, काशी वन्यजीव (चन्दौली), जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, सोहागीबरवा वन्यजीव (महराजगंज), बलिया, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बाँदा, झाँसी, उरई (जालौन), चित्रकूट, मिर्जापुर, सोनभद्र, ओबरा तथा रेनूकूट में क्रियान्वित की जा रही है। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के अंतर्गत बांस आधारित शिल्प कला को बढ़ावा देने, निकटवर्ती कृषकों को बांस आधारित खेती तथा उसकी व्यापारिक गतिविधियों से अवगत कराये जाने, कृषकों, बांस शिल्पकारों तथा बांस आधारित उद्यमियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिये जानेे तथा बांस क्षेत्र विकास से संबंधित आवश्यक तकनीकों को जन सामान्य तक पहुंचाए जाने के लिए पांच जिलों यथा सहारनपुर, बरेली, झाँसी, मिर्जापुर तथा गोरखपुर में सामान्य सुविधा केंद्रों कॉमन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की स्थापना की गयी है।
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