तमिलनाडु गन्ना किसान संघ के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर अरिगनर अन्ना चीनी मिल (कुरुनकुलम) के पास धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारी4000 रुपये प्रति टन गन्ना खरीद मूल्य के चुनावी वादे को तत्काल लागू करने और वर्ष 2021-22 के लिए अरिगनर अन्ना चीनी मिल को किसानों द्वारा आपूर्ति किए गए गन्ना के लिए 21 करोड़ रुपये से अधिक राशि के जल्दी वितरण के लिए प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने बकाया राशि के साथ पिछले साल के बजट में घोषित प्रति टन प्रोत्साहन राशि देने की भी राज्य सरकार से मांग की|
इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से रिकवरी दर 9.5% के साथ गन्ने का उचित और अवशेष मूल्य (FRP) बढ़ाने का आग्रह किया। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष एन पलानीचामी और राज्य महासचिव डी. रवींद्रन ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए 10 प्रतिशत की रिकवरी दर के लिए FRP को बढ़ाकर 2,850 प्रति टन कर दिया है।
पलानीचामी ने कहा, तमिलनाडु के अधिकांश गन्ने की खेती की रिकवरी लगभग 9.5% है, इसलिए, किसान केवल 2,707.50 रुपये प्रति टन के हिसाब से एफआरपी अर्जित कर पाएंगे। कोरोना महामारी के कारण, गन्ना किसानों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। इसलिए, सरकार को एफआरपी में अच्छी खासी बढ़ोतरी करनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी शिकायत की कि, राज्य सरकार ने किसानों को भुगतान नहीं किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि, चीनी मिलों द्वारा किसानों को शेष बकाया भुगतान कराया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने गन्ना उत्पादक किसानों के बकाये के भुगतान को लेकर एक पूर्व सांसद की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र समेत 11 गन्ना उत्पादक राज्यों से जवाब मांगा। जनहित याचिका में चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन के भीतर किसानों को बकाये का भुगतान करने के लिए एक व्यवस्था बनाने का आग्रह किया गया है।