वर्ष 2023 को विश्व मिलेट वर्ष घोषित किया गया। छत्तीसगढ़-सरकार ने केंद्र की भावना के अनुरूप सूबे में ‘ मिलेट मिशन’ के लिए किसानों को मोटे अनाज बोने के लिए प्रोत्साहित किया। लाभकारी समर्थन मूल्य घोषित कर परंपरागत फसलों
के लिए बीज भी मुहैया कराया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल मिलेट्स की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ-साथ इसके प्रभावी वितरण की व्यवस्था की है। राज्य सरकार द्वारा कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर 03 हजार प्रति क्विंटल तथा रागी की खरीदी 3 हज़ार 377 रूपए प्रति क्विंटल तय की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते सीजन में बीते सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34 हज़ार 298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रूपए में बेचा था। अन्य सूबों के मुकाबले यह बड़ा झ रुचि और लाभ उठा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ ‘मिलेट मिशन’ के तहत मोटे अनाजों की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है। किसान अब धान की बजाय रागी, कुटकी, कोदों की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में खरीफ 2023 में मोटे अनाज की खेती का रकबा 96 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 01 लाख 60 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। सूबे में मोटे अनाज की खरीद की बात करें तो साल 2021-22 में 16.03 करोड़ रूपए का 5 हजार 273 टन मोटा अनाज खरीदा गया था। इसी क्रम में 2022-23 में 39.60 करोड़ रूपए का 13 हज़ार 05 टन मिलेट समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है।
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