भूमि सुधार के लिए चलाई जा रही पं दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत आगामी 100 दिनों में 477.33 रुपए करोड़ का खर्च प्रस्तावित है, वहीं इस योजना में पिछले पाँच वर्षों में 1,41,840 हेक्टेयर भूमि उपजाऊ कृषि योग्य भूमि में परिवर्तित की गई है| इस योजना पर लगभग रु 291.70 करोड़ का खर्च आया है|
एक सर्वेक्षण के आधार पर, परियोजना क्षेत्रों में 8.58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन में वृद्धि हुई है| लगभग 48.53 प्रतिशत आय में वृद्धि देखी गई और भूगर्भ जल स्तर में 1.42 मीटर की वृद्धि परिलक्षित हुई|
जैविक क्लस्टर को बढ़ावा देने की नीति के अंतर्गत, वर्ष 2021-22 तक 4784 समूहो (95,680 हेक्टेयर) से 1.75 लाख किसानों को जोड़ा गया है| इनमे, नमामि गंगे योजना के तहत 3309 क्लस्टर, पीकेवीवाई में 1195 क्लस्टर व हमीरपुर जैविक खेती योजना में 280 समूह हैं|
इनमे योजना के अंतर्गत भूमि का क्षेत्रफल लगभग 95,680 हेक्टेयर है| इस नीति में तीन-वर्षीय कार्यक्रम के अंतर्गत, एक समूह में लगभग 50 किसान जोड़े जाते हैं, और प्रति क्लस्टर तीन वित्तीय वर्ष हेतु रु 10 लाख का प्रावधान है|
आगामी 100 दिनों की कार्ययोजना के अंतर्गत, केंद्र द्वारा संवर्धित मिशन प्राकृतिक खेती के अंतर्गत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना को प्रदेश के 35 जनपदों में लागू किया जाएगा, जिसके लिए विकास खंड स्तर पर 500 से 1000 हेक्टेयर क्षेत्रफल के समूहो का गठन होगा| यह योजना खरीफ 2022 से शुरू की जाएगी और इस पर रु० 82.83 करोड़ (केंद्र पोषित) खर्च किये जाएंगे|
बुंदेलखंड के समस्त जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का क्रियान्वयन भी तेज किया जाना का लक्ष्य रखा गया है, और मई माह में राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा|