बिहार में मशरूम की खेती करने वाले किसानों का जलवा भी कम नहीं है | सूबे के किसान देश में कुल उत्पादन का 10 प्रतिशित मशरूम पैदा कर रहे हैं | खास बात यह है कि यहां के किसान कई किस्म के मशरूमों की खेती कर रहे हैं | यहां पर महिलाएं भी घर के अंदर मशरूम उगा रही हैं | इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी राशि भी दी जा रही है. इससे किसानों को काफी फायदा हुआ है |
बिहार मखाने की खेती में अन्य राज्यों से बहुत आगे है | यहां पर देश के कुल उत्पादन का 85 प्रतिशत मखाने का प्रोडक्शन होता है | अगर आलू उत्पादन की बात करें तो यहां के किसान देश में 17.1 प्रतिशत आलू का उत्पादन कर रहे हैं | बिहार के मखाना को जीआई टैग मिलने से अन्तरराष्ट्रीय बाजार में यहाँ के किसानों की नई पहचान बनी है |
देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है, जिसमें 80 से 90 फीसदी उत्पादन अकेले बिहार में होता है। इसके उत्पादन में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है। लगभग 120,000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40,000 टन मखाने का लावा प्राप्त होता है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2021-22 में बिहार में 28,000 टन से ज़्यादा मशरूम उत्पादन हुआ, जो देश में उत्पादित कुल मशरूम का 10.82 प्रतिशत है। पिछले वर्ष बिहार में 23,000 टन मशरूम का उत्पादन हुआ था, वहीं 3 वर्ष पहले राज्य मशरूम उत्पादन के मामले में 13वें पायदान पर था।