tag manger - हरियाणा : उमस व गर्मी में कपास की फसल में सफेद मक्खी का हमला, सलाह – KhalihanNews
Breaking News

हरियाणा : उमस व गर्मी में कपास की फसल में सफेद मक्खी का हमला, सलाह

फतेहाबाद जिले में कपास (नरमा) की फसल में पर सफेद मक्खी कीट का खतरा फिर से मंडराने लगा है। हालांकि सफेद मक्खी का प्रकोप अभी कुछ ही क्षेत्रों में देखा गया है। लेकिन पिछले पांच दिनों से जहां इस सफेद मक्खी ने हमला किया है| सफेद मक्खी फसल को नष्ट भी कर रही है। जिन किसानों ने कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया है वह फसल भी खराब हो रही है।

इस समय गांव धांगड़, ढाणी माजरा, माजरा, मोहम्मदपुर रोही, मताना, बड़ोपल सहित अनेक गांवों में सफेद मक्खी का प्रकोप देखा गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में अभी से गुलाबी सुंडी भी देखी गई है। अगर आने वाले समय में इस प्रकोप बढ़ता है तो यह फसल खराब हो जाएगी। अनेक किसानों ने तो नरमा की फसल ही नष्ट कर दी है और धान की रोपाई कर दी है। पिछले साल भी फसल गुलाबी सुंडी और बरसात के कारण फसल नष्ट हो गई थी। ऐसे में इस बार भी ऐसा हो गया तो भारी नुकसान होगा। अगर बरसात हो तो इसका प्रकोप भी कम हो जाएगा।

जिले में इस बार नरमा की फसल 70 हजार हेक्टेयर भूमि में है। पिछले साल की तरह इस बार भी नरमा की फसल खराब हो गई तो किसानों को आर्थिक नुकसान होगा। पिछले साल केवल किसानों को मुआवजा जिससे खर्चा तक पूरा नहीं हुआ है। अगर इस बार भी नरमा की फसल सफेद मक्खी की चपेट में आ जाती है तो किसानों की आर्थिक संकट आने के बाद महंगाई भी बढ़ जाएगी। कृषि विभाग के अधिकारी सर्वे कर रहे है। जहां अधिक दिक्कत है वहां पर कृषि अधिकारी जाकर उपचार बता रहे है।

किसानों को नरमा की फसल में निगरानी रखनी होगी। कम से कम 30 पत्तियों (टर्मिनल से पांचवें नोड पर स्थित पत्तियों) के नीचे की जांच करें और ध्यान दें कि कम से कम 30 मक्खी के साथ कितनी पत्तियां प्रभावित हैं। अगर यह संख्या ज्यादा आती है तो आक्रमण अधिक है। अगर ऐसा है तो कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए। खंड स्तर पर कृषि अधिकारी है। ऐसे में कृषि अधिकारी खेतों में जाकर निरीक्षण करेंगे। कृषि अधिकारियों द्वारा सुझाई गई कीटनाशक का प्रयोग कर सकेंगे।

ये उपचार करे किसान

प्रति एकड़ एक लीटर नीम के तेल को 200 लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव करें तो सफेद मक्खी के प्रकोप को समाप्त किया जा सकता है। दो किलोग्राम यूरिया में आधा किलोग्राम जिक (21 प्रतिशत) के साथ इसे 200 लीटर पानी में मिलाकर भी इस बीमारी से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। बिना कृषि विशेषज्ञ की सलाह से कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बार-बार एक ही कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

About admin

Check Also

हरियाणा : गन्ने की उन्नत किस्मों की बिजाई पर किसानों को मिलेगा अनुदान

कृषि एवं किसान विभाग की और से वर्ष 2024-2025 में गन्ने की नोटिफाइड सिफारिश की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *