छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खरीफ सीजन में उड़द, मूँग एवं अरहर की खरीदी करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके अनुसार राज्य में उड़द एवं मूंग का उपार्जन 17 अक्टूबर 2022 से 16 दिसम्बर 2022 तक तथा अरहर का उपार्जन 13 मार्च 2023 से 12 मई 2023 तक की अवधि में किया जाएगा।
सरकार ने दलहन की खरीद के लिए इस बार खास नियम बनाए हैं। इसके लिए पहले किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहली बार सरकार गोदाम एवं भंडारण की सुविधा वाली 25 कृषि मंडियों में दाल खरीदेगी। इस बाबत कृषि विभाग ने राज्य में खरीदी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। खरीदी केन्द्र पर जरूरी भौतिक संसाधनों, उपकरणों और मानव संसाधन का इंतजाम छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मार्कफेड करेगी।
कृषि विभाग ने न्यूनतन समर्थित मूल्य पर अरहर, उड़द और मूंग की खरीद के लिए जिन 25 मंडियो को चिन्हित किया है उनमें भाटापारा, गरियाबंद, महासमुन्द, बसना, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, खैरागढ़ डोंगरगढ़, गंडई, कवर्धा, पण्डरिया, मुंगेली, लोरमी, सक्ती, रायगढ़, अंबिकापुर, सूरजपुर, रामानुजगंज, जशपुर, कोण्डागांव, केशकाल, नारायणपुर, सम्बलपुर, पखांजूर कृषि मंडी शामिल हैं।
इस साल राज्य द्वारा 232,000 टन दाल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है| जो पिछले खरीफ सीजन से संशोधित अनुमान से लगभग 67.51 फीसदी अधिक है| राज्य सरकार ने खरीफ सीजन 2021-22 में राज्य के किसानों से 139,040 टन दाल की खरीद की थी| वहीं दाल उत्पादन की बात की जाए तो पिछले साल के 501 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ती तुलना में इस बार 520 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है|
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि राज्य में दलहन फसलों के रकबे में लागातार कमी आ रही है, इसके कारण राज्य के किसानों को दलहनी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए दाल को एमएसपी के दायरे में लाने का फैसला किया है| इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी| उन्होंने बताया कि 2022-23 के खरीफ प्लान के अनुसार दलहनी फसलों का रकबा बढ़कर 448,180 हेक्टेयर हो गया है जो पिछले साल 227,330 था| इस तरह से दलहनी फसलों के रकबे में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है|