भारत ने मई में यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से दुनिया में हुई गेहूं की कमी और दामों में बढ़त के बाद गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था| अब सरकार ने फैसला किया है कि आटे के निर्यात पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे| विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा है कि आटा निर्यातकों को अपना उत्पाद देश से बाहर भेजने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी|
अधिसूचना के मुताबिक ये प्रतिबंध 12 जुलाई से लागू होंगे| छह जुलाई से पहले जो माल सीमा शुल्क विभाग के पास पहुंच चुका होगा या जिस जहाजों पर चढ़ाना शुरू कर दिया होगा उस पर नए नियम लागू नहीं हुए होंगे| एक जानकारी के मुताबिक भारत ने इस साल अप्रैल में लगभग 96,000 टन आटा निर्यात किया, जो कि एक साल में निर्यात में भारी उछाल है|
पिछले साल अप्रैल में सिर्फ 26,000 टन आटा निर्यात किया गया था| लेकिन 2022 में गेहूं निर्यात बढ़ा और उसी के साथ आटा निर्यात भी बढ़ा| कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया था कि मई में गेहूं निर्यात पर बैन लग जाने के बाद निर्यातकों ने जम कर आटा निर्यात करना शुरू कर दिया था|
दुनिया के कुल उत्पादन का 30 फीसदी गेहूं रूस और यूक्रेन में पैदा होता है, लेकिन युद्ध के कारण यह हिस्सेदारी घट गई है| जिन देशों में गेहूं पैदा होता है और वहीं खाया जाता है, उनके यहां गेहूं का भंडार भरा हुआ है, लेकिन यूक्रेन और रूस से निर्यात में कमी के कारण वैश्विक बाजार में बाकी बचे गेहूं के लिए होड़ मची हुई है| इसकी वजह से कीमतें बढ़ रही हैं| अब ये बढ़ी हुई कीमतें गरीब और कर्ज में डूबे ऐसे देशों के लिए संकट बढ़ा रही हैं, जो आयात पर निर्भर हैं| भारत में गेहूँ के निर्यात पर रोक लगने के बाद आटे का निर्यात होने से भारत में आटे की कीमतें तेज़ी से बढ़ी हैं|