महाराष्ट्र में करीब 174 चीनी मिलें में पेराई बंद हो चुकी है| एक जून को इन मिलों में सीज़न ख़त्म होने के साथ गन्ना उत्पादक व अन्य किसान आन्दोलन करके अपनी मांग उठा रहे हैं| आन्दोलन का पहला चरण पांच जून तक जारी रहेगा| आन्दोलित किसानों का कहना है कि इसे और जारी रखा जा सकता है|
इस आंदोलन का केंद्र फिर एक बार अहमदनगर जिले का पुनतांबा गांव है। अब भी जिन किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा उनको प्रति हेक्टेयर 2 लाख रुपये और प्याज उत्पादकों को 500 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता आदी समेत अन्य मांगो को लेकर आंदोलन शुरू हुआ है।
आपको बता दे कि, 2017 में भी पुनतांबा के किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलन किया था, जिसने पुरे महाराष्ट्र में बवाल मचाया था।
कुछ मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि अधिक बारिश के कारण राज्य में गन्ने की खेती अच्छी हुई, लेकिन अब चीनी मिल फसल नहीं उठा रही हैं और इस वजह से किसान फसल जला रहे हैं तथा आत्महत्या तक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए वे चाहते हैं कि राज्य सरकार उन किसानों को प्रति हेक्टेयर दो लाख रुपये की सहायता प्रदान करे, जिनका गन्ना अब भी खेतों में है।
किसानों ने कहा कि इसके अलावा, प्याज उत्पादक किसानों को 500 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता मिलनी चाहिए क्योंकि इसकी कीमतें कम हो गई हैं।
किसानों ने बिजली बिल माफ करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा, ‘हमने गांव में सुबह एक रैली की और फिर आंदोलन शुरू किया। हम पांच जून तक आंदोलन करेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांगों को लेकर उनसे बात करेगी। अगर वार्ता नहीं हुई, तो हम अपने आंदोलन को तेज करेंगे।’ पुनतांबा के कृषकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान क्रांति मोर्चा के बैनर तले 2017 में व्यापक प्रदर्शन किया था।