सूबे में आधुनिक फूल मंडी न होने से हिमाचल प्रदेश के फूल किसानो के चेहरे
मुरझाये हुए थे| अपने फूलों के लिये किसानो को भटकना पड़ता था| किसानो को अपनी पैदावार का सही दाम भी नहीं मिलता था| अब परवाणू व ऊना में आधुनिक फूल-मंडी बनने से किसानो के चेहरे खिले हुए हैं|
प्रदेश के पांच जिलों सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर और किन्नौर के किसानों को परवाणू की फूल मंडी में फूल बेचने की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
सोलन के चायल क्षेत्र में सबसे अधिक फूलों की खेती होती है। हर वर्ष यहां से करोड़ों का फूल कारोबार होता है। जानकारी के अनुसार मंडी समिति सोलन की ओर से कालका-शिमला एनएच पर परवाणू के समीप एक करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से पुष्प मंडी का निर्माण किया है। प्रथम चरण में मंडी में दस दुकानों का निर्माण किया गया है। जहां पर जिला सहित प्रदेश के पुष्प उत्पादक अपने फूलों को बेच सकेंगे।
वर्तमान में किसान दिल्ली, करनाल, चंडीगढ़ समेत अन्य बाहरी राज्यों को फूल सप्लाई कर रहे है। जिस कारण उन्हे संबंधित राज्यों तक फूल पहुंचाना महंगा पड़ रहा है। लेकिन अब इस मंडी के खुलने से प्रदेश का फूल प्रदेश में ही बिक जाएगा। जहां पर इसके लिए कारोबारी बाहरी राज्यों से भी खरीदारी के लिए पहुंचेंगे।
जल्दी ही ऊना में भी फूल मंडी किसानो के लाभ का बड़ा मंच बनेगी|