असम की हरी मिर्च अपने तीखेपन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। अब यहां की हरी मिर्च अपने तीखेपन का जलवा खाड़ी देशों में भी बिखेरेगी। यहां से हरी मिर्च की पहली खेप कल ही मुंबई के रास्ते खाड़ी देश दुबई भेजी गई है। इसी के साथ कच्चे कटहलों का भी निर्यात किया गया है।
असम की हरी मिर्च अब खाड़ी देशों लोगों का स्वाद बढाएगी। दरअसल, अब असम की हरी मिर्च उन देशों के डिपार्टमेंल स्टोर्स में बिकेगी| असम के इन बागवानी फसलों का निर्यात लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के जरिए होगा। ये उत्पाद उन्हीं के सुपरमार्ट में बिकेंगे।
धुबरी के उपायुक्त अनबामुथन ने बीते शुक्रवार को बिलसीपाड़ा से निर्यात के इस खेप को रवाना किया। निर्यात का सामान पहले हवाई मार्ग से मुंबई भेजा जाएगा। फिर वहां से दुबई जाने वाले हवाई जहाज से इसे रवाना किया जाएगा। इस खेप में 1.5 टन कच्चा कटहल और 0.5 टन हरी मिर्च शामिल है।
एपीडा की मिली है मदद अनबामुथन ने बताया कि इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मदद दी है। इससे धुबरी के कटहल एवं मिर्च उत्पादक किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। इस अवसर पर लुलू ग्रुप के महाप्रबंधक रवि कुमार ने कहा कि अगर कटहल एवं हरी मिर्च को खाड़ी देशों के ग्राहक पसंद करते हैं तो धुबरी से इन उत्पादों का निर्यात आगे भी जारी रहेगा।
पिछले साल भी त्रिपुरा का कटहल ब्रिटेन गया था पिछले साल त्रिपुरा से परीक्षण के रूप में, 350 कटहल की एक खेप ब्रिटेन भेजी गई थी। यह खेप दिल्ली के रास्ते ब्रिटेन भेजी गई थी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल त्रिपुरा ने पहली बार कटहल का निर्यात किया था।
हाल ही में“लाल चावल” की पहली खेप असम से अमेरिका भेजी गई थी| आयरन से भरपूर “लाल चावल”असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना किसी रासायनिक उर्वरक के पैदा किए जाते हैं| इस चावल की किस्म को ‘बाओ-धान’ कहा जाता है, जो असमिया भोजन का एक अभिन्न अंग है|