कर्नाटक के मैसूरु की एक किसान द्वारा संचालित जैविक खाद कंपनी सहज बीज द्वारा यह कार्य किया जा रहा है| इस कंपनी का मूल मंत्र यही है कि उनके द्वारा तैयार किए गए बीज सिर्फ किसानों को ही दिए जाएंगे| कंपनियों को बेचने के लिए यह नहीं मिलेगा|
यह कंपनी धान, बाजरा, दाल, सब्जियां, फूल, जड़ी-बूटियों और बगैर खेती के मिलने वाले खाद्य फसलों की उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार करती है| जो बिल्कुल जैविक तरीके से तैयार किए जाते हैं|
सहज बीज कंपनी के किसान समूहों द्वारा सामूहिक रुप से विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों की स्थिति के अनुरुप बीज उगाए जाते हैं| बीजों के स्वाद, रंग और स्वास्थ्य लाभ के लिए संरक्षित एक विशेष क्षेत्र के लिए अनुकूल किस्मों का उत्पादन करते हैं|
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सहज कंपनी का उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण करना है और प्रचार को बढ़ावा देना है, साथ ही ऐसे समुदायों का निर्माण करना है जो इस तरह के पारपंरिक बीज का उत्पादन करें|
आज़मगढ (उत्तर प्रदेश) मे बीते साल, ब्लाक फूलपुर क्षेत्र के खरसहन खुर्द गांव निवासी प्रगतिशील किसान महेंद्र सिंह ने 40 एकड़ धान की रोपाई 15 जून से पहले की है। इसमें छह एकड़ सुगंधित धान जैसे काला नमक, जूही बंगाल, दफ्तरी, कस्तूरी, रामभोग, बादशाह भोग, बासमती की खेती पद्मश्री डा.सुवास पालेकर प्राकृतिक कृषि की विधि को अपनाकर कर रहे हैं।
इसमें सिर्फ एक देशी गाय के गोबर और मूत्र से तैयार घन जीवामृत और बीजामृत का प्रयोग किया गया है। लहलहाती फसल अपने आप में अद्भुत नज़र आयी। यहीं नहीं वो किसानों को मुफ्त बीज भी दे रहे हैं। ताकि इस विधि का प्रसार हो सके।