रूस – यूक्रेन पर बम बरसा रहा है और इसमें बिहार के करोड़ों रुपये बर्बाद हो रहे हैं। बिहार का भागलपुर शहर अपने सिल्क के उत्पाद रूस और यूक्रेन भेजता है| यूक्रेन पर जारी हमलो से बिहार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
भागलपुर से वर्षों से सिल्क खासकर तसर सिल्क कपड़े का अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है|अब तो लिनेन, काॅटन व अन्य कपड़े का निर्यात हो रहा है| रूस का अपने देश से पुराना दोस्ताना संबंध रहा है| इस कारण से व्यापारिक संबंध बेहतर रहे हैं. भागलपुर के सिल्क कपड़े की मांग है| जब से युद्ध के हालात रहे हैं, तब से अब तक 20 करोड़ तक का ऑर्डर नहीं मिला|
भागलपुर से प्रत्येक वर्ष स्कार्फ़, जिसे स्टॉल भी कहते हैं, का लगभग सौ करोड़ रुपयों का निर्यात रूस और यूक्रेन में किया जाता है|
भागलपुर जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और सिल्क के व्यवसाय पर ही निर्भर है| यहां का सिल्क व्यापार सदियों पुराना है| भागलपुरी रेशम देश और दुनिया में काफी मशहूर है|
सिल्क के कपड़े स्टेटस सिंबल भी बन चुके हैं| इसीलिए सिल्क के कपड़ों की डिमांड भी खूब है| भागलपुर में उत्पादित रेशमी कपड़े खासकर तसर सिल्क साड़ी, मटका सिल्क साड़ी, रेशम के बने कुर्ते और दुपट्टों की मांग देश के अलावा रूस यूक्रेन समेत विदेशों में भी है|