किसान आंदोलन को लेकर चर्चा में आया लखीमपुर खीरी जिला एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार चर्चा की वजह आंदोलन नहीं बल्कि किसानों की केले की उपज है। बीती अकटूबर 2021 मे लखीमपुर के पलिया कलां में पैदा हुए केले को ईरान भेजा गया है। ईरान के बाजारों में लखीमपुर की फसल का पुरजोर स्वागत किया गया |
भारत में केला उत्पादन की बात आती है तो महाराष्ट्र का नाम सबसे पहले आता है। इसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों का नाम आता है। उत्तर प्रदेश तो केला उत्पादक राज्यों की सूची में है ही नहीं। लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि अब यूपी में केले की न सिर्फ खेती कई जिलो मे की जा रही है बल्कि इसका अब निर्यात भी हो रहा है।
केला दुनिया के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है. यह उत्पादन के मामले में गेहूं, चावल और मक्का के बाद चौथी सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल हैं| खपत मात्रा के मामले में यह दुनिया का पसंदीदा फल है| इसे न केवल कच्चा खाया जाता है, बल्कि जूस, सॉस, पके हुए माल और विभिन्न व्यंजन बनाने में भी उपयोग किया जाता है| भारत केले के दुनिय के कुल उत्पादन का 30 फीसदी उत्पादन करता है|
उत्तर प्रदेश से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने इस पर काम किया|
उत्तर प्रदेश में केले खेती लखीमपुर खीरी ही नहीं बल्कि बाराबंकी इलाहाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों तथा सुल्तानपुर जिले में भी की जा रही है| जागरूक किसान कृषि वैज्ञानिकों की मदद से केले की उन्नत प्रजातियों को अपने खेतों में स्थान दे रहे हैं|
पाकिस्तान के एक प्रमुख निर्यात एवं आयात संगठन ने भारत के साथ सीधा व्यापार शुरू होने के बाद उसको किनू निर्यात और यहां से केले के आयात की इच्छा जताई है।