बिहार सरकार किसानों को मिनीकिट योजना के तहत गरमा (जायद) सीजन की फसलों के विकसित उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज की खरीद पर पर 80 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दे रही है। इस मिनीकिट योजना के मूंग के लिए अधिकतम बीज सीमा 32 किलोग्राम और रेट 118.4 रूपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है। वहीं उड़द के लिए अधिकतम बीज सीमा 32 किलोग्राम और रेट 123.4 रूपए प्रति किलोग्राम तय किया गया है। एवं इसी प्रकार सूरजमुखी के लिए अधिकतम बीज सीमा 24 किलोग्राम और इसका रेट 400 रूपए प्रति किलोग्राम तय किया गया है| बता दे की अब मिनीकिट योजना में सूरजमुखी का बीज वितरण भी शुरू किया गया हैं। सूरजमुखी का बीज पहले इसमे नहीं आता था।
गरमा (जायद) सीजन की फसलें मई-जून में बोयी जाती हैं और जुलाई-अगस्त में काट ली जाती हैं। गरमा (जायद) सीजन की फसलों में राई, मक्का, ज्वार, जूट, सूरजमुखी, मूँग और उड़द आदि शामिल है। इनकी खेती से किसानों को अधिक लाभ मिलता है। बिहार में गरमा फसल को लेकर इसकी खेती की तैयारी शुरू हो गयी है।
कृषि विभाग राज्य के किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। वहीं गरमा फसल को बढ़ावा देने के लिए बिहार के भागलपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी है।
किसानों को घर पर सब्सिडी पर दिए जाएँगे प्रमाणित बीज
जैसा कि मिनीकिट बीज अनुदान योजना के तहत बिहार सरकार की ओर से किसानों को जायद फसलों के उन्नत बीज अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे है।
बिहार सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए बीजों को किसानों के घर पर बीज पहुँचाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करते समय होम डिलेवरी का विकल्प चुनना होगा। इसके बाद चयनित किसानों को बीज घर पर पहुँचा दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
किसानों की सुविधा के लिए बीजों को किसानों के घर पर बीज पहुँचाने की व्यवस्था की गई है। किसानों को फसलवार बीज आवेदन पंचायत के सम्बंधित कृषि समन्वयक को स्वतः चली जाएगी। सुयोग्य आवेदक किसानों के चयन के बाद उनके निबंधित मोबाइल नंबर पर कृषि विभाग द्वारा एक ओटीपी भेजा जाएगा। कृषि समन्वयक द्वारा बीज प्राप्ति स्थान के संबंध में सूचना आवेदक किसानों को दी जाएगी। आवेदक किसान निर्दिष्ट बीज विक्रेता को अपना ओटीपी बताकर अनुदान की राशि घटा कर शेष राशि का भुगतान कर बीज प्राप्त कर सकेंगे।