लखनऊ : तमाम सरकारी दावो के बावजूद आबकारी विभाग जहरीली शराब से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई के बाद भी हालात जस के तस बने हुए है।
हाल ही जहरीली शराब की दो बड़ी घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया है। पहली घटना रायबरेली जिले में हुई और दूसरी बड़ी घटना रविवार को आजमगढ़ जिले में हुई। यहां पर जहरीली शराब पीने से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोगों की हालत नाजकु बनीं हुई है।
सूबे मे यह हालात तब है, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। जिसके तहत जहरीली शराब को लेकर अब तक 93 हजार छापे, 12 हजार केस दर्ज किए किए और 3700 लोगों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम ने आचार संहिता लागू होने के बाद से लगभग 93 हजार छापे मारे जा चुके हैं। अभी तक लगभग 12 हजार केस दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही करीब 7 लाख लीटर की अवैध शराब बरामद की और 3700 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 100 से ज्यादा वाहन भी जब्त किए जा चुके हैं। वहीं कई हजार कुंतल लहन को अब तक नष्ट किया जा चुका है। लेकिन इन सबके के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री जारी है।
यूपी में आचार संहिता लगने के बाद ही 27 जनवरी को रायबरेली जिले में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद रविवार को आजमगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।
जहरीली शराब से हो रही मौतों का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी अलीगढ़, सहारनपुर, बदायूं, कुशीनगर, कानपुर देहात, आजमगढ़, बुलंदशहर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, आंबेडकरनगर में कई लोगों जहरीली शराब से अपनी जान गवां चुके हैं।