उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित 513 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी गई है। इन मदरसों ने अपनी मान्यता वापस लौटाने का निर्णय लिया, जिसके बाद उनकी मान्यता को समाप्त करने का फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही विनियमावली 2016 के अनुसार आवश्यक कार्यवाही के लिए रजिस्ट्रार को अधिकृत कर दिया गया है।
लखनऊ स्थित अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के 513 मदरसों की मान्यता समाप्त करने सहित कुल नौ प्रस्तावों पर सहमति जताई गई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की। इसके अलावा, बैठक में वर्ष 2018 से पूर्व की सभी मार्कशीटों को तकनीकी टीम के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रीभा और उपाध्यक्ष कमर अली समेत अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
परिषद द्वारा बोर्ड परीक्षा 2025 को अगले वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित कराने पर सहमति बनी। इसके लिए सभी जरूरी कार्यवाही तत्परता से पूरा कराने के निर्देश दिए गए।
नए मदरसों को जल्दी मान्यता देने पर भी सहमति व्यक्त की गई है। अब नवीन मदरसों को मान्यता प्राप्त करने के लिए बेसिक और माध्यमिक स्कूलों की तरह एक विशेष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।