प्रदेश की योगी सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत आगामी एक अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पहली नवंबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में किसानों से सीधे धान की खरीद शुरू करने के निर्देश दिये हैं। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक समय सारिणी जारी की जा चुकी है। प्रमुख सचिव ने बताया कि जारी समय सारिणी में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ई-टेंडर के माध्यम से हैंडलिंग ठेकेदारों की नियुक्ति, परिवहन के लिए ई टेंडरिंग के जरिए परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति भी समय से करने के निर्देश दिये गये हैं। सरकार की स्पष्ट मंशा है कि प्रदेश के किसानों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं सुलभ हों, साथ ही उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके। धान क्रय के लिए बेहतरीन और आधुनिक तकनीक का प्रयोग हो, जिससे किसानों कों क्रय केंद्रों पर कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी क्रय केंद्रों पर बोरे की उपलब्धता, स्टाफ की तैनाती, किसानों की सुविधा की व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, छनना, नमी मापने की मशीन, जनरेटर, बैनर की व्यवस्था और धान व चावल के गुणवत्ता परीक्षण के लिए उपकरण की व्यवस्था की समय पर कर ली जाए। इस कार्य के जिम्मेदार ढिलाई न करें।
खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि ई-उपार्जन के लिए क्रय केंद्रों पर कम्प्यूटर, लैपटॉप, आई पैड, इंटरनेट और ई-पॉप मशीन सहित अन्य अवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही इनके संचालन में आने वाली कठिनाइयों को पश्चिमी यूपी में 15 सितंबर और पूर्वी यूपी में 15 अक्टूबर से पहले ही दूर कर ली जाए।
प्रदेश के धान खरीद केंद्रों को भी हाईटेक बनाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा जोर है। सीएम योगी के निर्देश पर खाद्य एवं रसद विभाग धान क्रय केंद्रों को इंटरनेट, कंप्यूटर, लैपटॉप, आईपैड, ई-पॉप मशीनों से लैस करेगा। बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर से तथा पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से क्रय केंद्रों पर एमएसपी पर धान की खरीद शुरू होगी।