tag manger - जून में ही छतरी संभाल ले , अबकी समय से पहले और भरपूर होगी बरसात – KhalihanNews
Breaking News
जून में ही छतरी संभाल ले , अबकी समय से पहले और भरपूर होगी बरसात

जून में ही छतरी संभाल ले , अबकी समय से पहले और भरपूर होगी बरसात

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 2024 का दक्षिण पश्चिम मॉनसून अंडमान निकोबार द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 19 मई तक पहुंचने की संभावना है। आईएमडी ने भारतीय प्रायद्वीप में सौ फीसदी से अधिक मॉनसून की वर्षा का भी अनुमान लगाया है। आईएमडी के अनुसार, जून से सितंबर के बीच देश में मॉनसून वर्षा “सामान्य से ऊपर” होने की संभावना है। मौसम विभाग को अनुमान है कि इस साल मानसून तय वक्त से पहले और पानी लेकर आयेगा। 22 मई तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश करने की उम्मीद है। इसके बाद यह 8 से 10 जून के बीच केरल पहुंचेगा। मॉनसून के बंगाल की खाड़ी से देश के मैदानी इलाके की ओर बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं। इसलिए उनका अनुमान है कि 19 मई तक मॉनसून भारत की सीमा में प्रवेश कर जाएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग देश के चार क्षेत्रों में मौसमी वर्षा के पूर्वानुमान में कुछ अलग-अलग बारिश की उम्मीद कर रहा है जिसमें मध्य भारत, उत्तरी क्षेत्र, दक्षिण प्रायद्वीप और देश का पूर्वोत्तर हिस्सा शामिल है.। भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) स्थितियां भी इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल हो रही हैं। भारत मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की थी. हाल ही में आईएमडी से मिली जानकारी के अनुसार अगले दो दिनों तक देश के दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में आंधी और बारिश जारी रहने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक जून के आसपास केरल से होते हुए 15 जुलाई तक पूरे देश को भिगो देगा ।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि समूचे भारतवर्ष को भिगो देने में सक्षम मानसून आगामी 22 मई तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश करने की उम्मीद है। इसके बाद यह 8 से 10 जून के बीच केरल पहुंचेगा। मॉनसून के बंगाल की खाड़ी से देश के मैदानी इलाके की ओर बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं। इसलिए उनका अनुमान है कि 19 मई तक मॉनसून भारत की सीमा में प्रवेश कर जाएगा। कमजोर मानसून की वजह से जहां देश के झारखंड, ओडिशा। आंध्र प्रदेश, केरल में किसानों को सूखा का सामना करना पड़ा वहीं गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों के किसानों को बाढ़ के संकट से जूझना पड़ा। पिछले साल, मॉनसून 96 परसेंट की सामान्य बारिश के मुकाबले 94.4 परसेंट पर ‘सामान्य से नीचे’ रहा था। कम बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई हिस्सों में इस समय सूखे के हालात हैं। राज्य में पीने के पानी से लेकर खेती के पानी तक पानी की भारी कमी है। ऐसे में अधिक बारिश किसानों के लिए अच्छी खबर ला सकती है।

About admin

Check Also

पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

धान की फ़सल जाड़ा आने के साथ पक जायेगी। धान की फसल के अवशेष के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *